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आजाद हिंद फौज में शामिल रहे स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर का निधन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

करौली में एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर, निवासी राजपुर का सोमवार को निधन हो गया. लगभग 105 साल के हो चुके किशन लाल दोपहर तीन बजे के आसपास अपनी अंतिम सांस ली. जैसे ही गांव में उनके निधन की खबर मिली. वैसे ही जिले में शोक की लहर फैल गई. जिला और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर स्वतंत्रता सेनानी को राजकीय सम्मान के साथ श्रृद्धांजलि दी.

आजाद हिंद फौज में शामिल रहे स्वतंत्रता सेनानी किशनलाल गुर्जर का निधन
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Published : Jul 22, 2019, 10:25 PM IST

करौली. स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर की निधन की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सिंह, एसडीएम करौली मुनिदेव यादव, तहसीलदार करौली आरएन मीना, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अशोक तिवारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर स्वर्गीय किशन लाल गुर्जर को श्रृद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी को पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया गया. इससे पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में उनके पार्थिव शरीर को लपेटकर लाया गया. जहां उनके बडे़ पुत्र सेवानिवृत सूबेदार रामराज सिंह ने मुखाग्नि दी.

आजाद हिंद फौज में शामिल रहे स्वतंत्रता सेनानी किशनलाल गुर्जर का निधन

आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर अपने पीछे पांच बेटे सूबेदार रामराज सिंह, हीरालाल, मेहमान सिंह, रामरूप, दर्शन सिंह और एक पुत्री श्रीमती रूकमणी देवी सहित पूरे परिवार को छोड़कर चले गए. उनके अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने बैण्ड बाजे की धुन एवं आतिशबाजी के साथ शव यात्रा निकाली. शव यात्रा में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे. आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया एवं सिंगापुर में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जा चुका था.

वहीं, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीणा स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर अपनी ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है. मंत्री ने बताया की करौली के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी गुर्जर 20 साल की उम्र में आजाद हिंद फौज सेना में शामिल हुए थे. साल 1947 में देश जब आजाद हुआ तो वे भारत वापस लौट कर आए. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम पत्र देकर सम्मानित किया. मंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की है की दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतिप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

करौली. स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर की निधन की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सिंह, एसडीएम करौली मुनिदेव यादव, तहसीलदार करौली आरएन मीना, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अशोक तिवारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर स्वर्गीय किशन लाल गुर्जर को श्रृद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी को पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया गया. इससे पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में उनके पार्थिव शरीर को लपेटकर लाया गया. जहां उनके बडे़ पुत्र सेवानिवृत सूबेदार रामराज सिंह ने मुखाग्नि दी.

आजाद हिंद फौज में शामिल रहे स्वतंत्रता सेनानी किशनलाल गुर्जर का निधन

आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर अपने पीछे पांच बेटे सूबेदार रामराज सिंह, हीरालाल, मेहमान सिंह, रामरूप, दर्शन सिंह और एक पुत्री श्रीमती रूकमणी देवी सहित पूरे परिवार को छोड़कर चले गए. उनके अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने बैण्ड बाजे की धुन एवं आतिशबाजी के साथ शव यात्रा निकाली. शव यात्रा में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे. आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया एवं सिंगापुर में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जा चुका था.

वहीं, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीणा स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर अपनी ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है. मंत्री ने बताया की करौली के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी गुर्जर 20 साल की उम्र में आजाद हिंद फौज सेना में शामिल हुए थे. साल 1947 में देश जब आजाद हुआ तो वे भारत वापस लौट कर आए. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम पत्र देकर सम्मानित किया. मंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की है की दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतिप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

Intro:करौली जिले के एकमात्र जीवित स्वतंन्त्रता सेनानी लगभग 105 वर्षीय  किशन लाल गुर्जर निवासी राजपुर करौली का सोमवार को निधन हो गया.. उन्होंने दोपहर 3 बजे के आसपास अपनी अंतिम सांस ली... जैसे ही गांव में स्वतंत्रता सैनानी के निधन का समाचार मिला वैसे ही जिले में शोक की लहर फैल गई.. जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्वतंत्रता सैनानी किशनलाल गुर्जर को राजकीय सम्मान के साथ श्रृद्धांजलि अर्पित की...


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सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल रहे स्वतंत्रता सैनानी किशनलाल गुर्जर का हुआ निधन,

राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई


करौली,



करौली जिले के एकमात्र जीवित स्वतंन्त्रता सेनानी लगभग 105 वर्षीय  किशन लाल गुर्जर निवासी राजपुर करौली का सोमवार को निधन हो गया.. उन्होंने दोपहर 3 बजे के आसपास अपनी अंतिम सांस ली... जैसे ही गांव में स्वतंत्रता सैनानी के निधन का समाचार मिला वैसे ही जिले में शोक की लहर फैल गई.. जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्वतंत्रता सैनानी किशनलाल गुर्जर को राजकीय सम्मान के साथ श्रृद्धांजलि अर्पित की...


स्वतंत्रता सेनानी  किशन लाल गुर्जर की निधन की सुचना मिलते ही जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रवीन्द्रसिंह, एसडीएम करौली मुनिदेव यादव,तहसीलदार करौली आरएन मीना,जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अशोक तिवारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर स्वर्गीय किशनलाल गुर्जर को श्रृद्धांजलि अर्पित की..इस दोरान स्वतंत्रता सेनानी को पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया..इससे पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में उनके पार्थिव देह को लपेटकर लाया गया जहां उनके बडे़ पुत्र सेवानिवृत सुबेदार रामराज सिंह ने मुखाग्नि दी...


आजाद हिन्द फौज के सिपाही स्व किशनलाल गुर्जर अपने पीछे पांच बेटे सुबेदार रामराजसिंह, हीरालाल, मेहमानसिंह, रामरूप, दर्शनसिंह एवं एक पुत्री श्रीमती रूकमणी देवी सहित भरे-पूरे परिवार को छोडकर गए हैं..उनका अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने बैण्डबाजे की धुन एवं आतिशबाजी के साथ शव यात्रा निकाली.. शव यात्रा में भारी संख्या में लोग उपस्थित थे.. आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशनलाल गुर्जर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया एवं सिंगापुर में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जा चुका था..



मंत्री रमेश ने स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर किया शोक व्यक्त


खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीणा ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल रहे राजपुर निवासी 105 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर के निधन पर अपनी ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं..


 मंत्री ने बताया की करौली जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी  स्वर्गीय गुर्जर 20 वर्ष की उम्र में आजाद हिंद फौज सेना में शामिल हो गए...1947 में देश जब आजाद हुआ तो वे भारत वापस लौट कर आए..पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम पत्र देकर सम्मानित किया.. मंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की है की दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें....





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