करौली. स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल गुर्जर की निधन की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सिंह, एसडीएम करौली मुनिदेव यादव, तहसीलदार करौली आरएन मीना, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अशोक तिवारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर स्वर्गीय किशन लाल गुर्जर को श्रृद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी को पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया गया. इससे पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में उनके पार्थिव शरीर को लपेटकर लाया गया. जहां उनके बडे़ पुत्र सेवानिवृत सूबेदार रामराज सिंह ने मुखाग्नि दी.
आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर अपने पीछे पांच बेटे सूबेदार रामराज सिंह, हीरालाल, मेहमान सिंह, रामरूप, दर्शन सिंह और एक पुत्री श्रीमती रूकमणी देवी सहित पूरे परिवार को छोड़कर चले गए. उनके अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने बैण्ड बाजे की धुन एवं आतिशबाजी के साथ शव यात्रा निकाली. शव यात्रा में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे. आजाद हिन्द फौज के सिपाही किशन लाल गुर्जर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया एवं सिंगापुर में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जा चुका था.
वहीं, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीणा स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर अपनी ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है. मंत्री ने बताया की करौली के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी गुर्जर 20 साल की उम्र में आजाद हिंद फौज सेना में शामिल हुए थे. साल 1947 में देश जब आजाद हुआ तो वे भारत वापस लौट कर आए. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम पत्र देकर सम्मानित किया. मंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की है की दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतिप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.