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Special: कोरोना की भेंट चढ़ा होटल-ढाबा का व्यवसाय, सैकड़ों मजदूरों पर गहराया आर्थिक संकट

कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए आमजन बाहर ना तो घूमने जा रहे हैं और ना ही बाहर का कुछ खाना पसंद कर रहे हैं. ऐसे में होटल, ढाबा से संबंधित व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो चुके हैं. कुछ ऐसा ही हाल आजकल करौली जिले में भी देखने को मिल रहा है, जहां इस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं. आइए देखें स्पेशल रिपोर्ट-

करौली समाचार, karauli news
कोरोना की भेंट चढ़ा होटल-ढाबा का व्यवसाय
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Published : Aug 24, 2020, 10:42 PM IST

करौली. अब तक देश के कई व्यापार कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं. इस बीच छोटे-मोटे व्यापारियों की हालत तो इस कदर खराब हो गई है कि उनका गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. आलम यह है कि ना ही ये अपना पेट पाल पा रहे हैं और ना ही अपने परिवार की जीविका चला पा रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल करौली शहर के 11-B सड़क मार्ग पर स्थित होटल एवं ढाबों से जुड़े व्यवसायियों का है. कोरोना के इस संकट काल में लगभग 75 फीसदी तक की बिक्री प्रभावित हुई है. लोग घरों से बाहर तो निकल रहे हैं लेकिन होटल और ढाबों पर जाने से बच रहे हैं.

कोरोना की भेंट चढ़ा होटल-ढाबा का व्यवसाय

होटल-ढाबों पर ग्राहकों की संख्या में आई कमी

कोरोना का बढ़ता संक्रमण लोगों के अंदर इस कदर भय पैदा कर चुका है कि लोग होटल-ढाबों में जाना तो दूर, देखना तक करना पसंद नहीं करते हैं. इसके चलते होटल-ढाबा व्यवसायी पिछले दो महिने से इसकी मार झेल रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर ढाबा कारोबारियों पर पड़ रहा है. साथ ही होटल्स में भी बुकिंग नहीं के बराबर हो रही है. अब तो ऑनलाइन डिलेवरी भी बिल्कुल थम सी गई है.

करौली समाचार, karauli news
ढाबे पर पसरा सन्नाटा

हाईवे पर वाहनों के रुकने की भी घटी संख्या

NH-11B सड़क मार्ग से आगरा-जयपुर-धौलपुर की तरफ जाने वाले वाहन इन होटल-ढाबों पर ठहरते थे, लेकिन कोरोना के चलते अब तो वाहन भी नहीं गुजरते. और तो और कोई यात्री यहां रुकना तक पसंद नहीं करता. अब तो सिर्फ केवल ट्रक वालों की आवाजाही होती है, जिनकी संख्या भी काफी कम हो गई है. वहीं, दूसरी ओर जिले के प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी मंदिर में उतर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य जिलों से यात्रियों का आवागमन बना रहता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते मंदिर बंद होने के कारण भी यात्री भार अब कम हो गया है, जिसके चलते होटल्स एवं ढाबों पर इसका असर देखने को मिल रहा है.

करौली समाचार, karauli news
रेस्टोरेंट पर नहीं आते ग्राहक

अधिकांश दिहाड़ी मजदूर ही करते हैं काम

इन होटल-ढाबों पर अधिकांश दिहाड़ी मजदूर ही काम करते हैं. अब कोरोना काल में काम कम होने के चलते व्यवसायी इनका पैसा काट रहे हैं, जिससे इन मजदूरों का घर चलाना मुश्किल हो गया है. जब ईटीवी भारत की टीम ने इन मजदूरों से बात की तो इनका कहना था कि कोरोना के चलते ग्राहक नहीं आ रहे हैं, जिससे तनख्वाह भी नहीं मिल रही, अब तो घर चलाना मुश्किल हो गया है.

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घर से देना पड़ रहा दुकानों का किराया

घर से देना पड़ रहा है दुकानों का भाड़ा

इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने होटल-ढाबा संचालकों से बात की तो उनका कहना था कि कोरोना की वजह से दुकान का किराया भी नहीं निकल पा रहा हैं, ऊपर से मजदूरों का भी पैसा देना है और दुकानों का किराया भी देना है. व्यवसायियों का कहना था कि हालत इतनी खराब हो चुकी है कि ब्याज पर पैसे लेकर किराया देना पड़ रहा है. इस कारण काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही है.

करौली. अब तक देश के कई व्यापार कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं. इस बीच छोटे-मोटे व्यापारियों की हालत तो इस कदर खराब हो गई है कि उनका गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. आलम यह है कि ना ही ये अपना पेट पाल पा रहे हैं और ना ही अपने परिवार की जीविका चला पा रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल करौली शहर के 11-B सड़क मार्ग पर स्थित होटल एवं ढाबों से जुड़े व्यवसायियों का है. कोरोना के इस संकट काल में लगभग 75 फीसदी तक की बिक्री प्रभावित हुई है. लोग घरों से बाहर तो निकल रहे हैं लेकिन होटल और ढाबों पर जाने से बच रहे हैं.

कोरोना की भेंट चढ़ा होटल-ढाबा का व्यवसाय

होटल-ढाबों पर ग्राहकों की संख्या में आई कमी

कोरोना का बढ़ता संक्रमण लोगों के अंदर इस कदर भय पैदा कर चुका है कि लोग होटल-ढाबों में जाना तो दूर, देखना तक करना पसंद नहीं करते हैं. इसके चलते होटल-ढाबा व्यवसायी पिछले दो महिने से इसकी मार झेल रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर ढाबा कारोबारियों पर पड़ रहा है. साथ ही होटल्स में भी बुकिंग नहीं के बराबर हो रही है. अब तो ऑनलाइन डिलेवरी भी बिल्कुल थम सी गई है.

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ढाबे पर पसरा सन्नाटा

हाईवे पर वाहनों के रुकने की भी घटी संख्या

NH-11B सड़क मार्ग से आगरा-जयपुर-धौलपुर की तरफ जाने वाले वाहन इन होटल-ढाबों पर ठहरते थे, लेकिन कोरोना के चलते अब तो वाहन भी नहीं गुजरते. और तो और कोई यात्री यहां रुकना तक पसंद नहीं करता. अब तो सिर्फ केवल ट्रक वालों की आवाजाही होती है, जिनकी संख्या भी काफी कम हो गई है. वहीं, दूसरी ओर जिले के प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी मंदिर में उतर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य जिलों से यात्रियों का आवागमन बना रहता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते मंदिर बंद होने के कारण भी यात्री भार अब कम हो गया है, जिसके चलते होटल्स एवं ढाबों पर इसका असर देखने को मिल रहा है.

करौली समाचार, karauli news
रेस्टोरेंट पर नहीं आते ग्राहक

अधिकांश दिहाड़ी मजदूर ही करते हैं काम

इन होटल-ढाबों पर अधिकांश दिहाड़ी मजदूर ही काम करते हैं. अब कोरोना काल में काम कम होने के चलते व्यवसायी इनका पैसा काट रहे हैं, जिससे इन मजदूरों का घर चलाना मुश्किल हो गया है. जब ईटीवी भारत की टीम ने इन मजदूरों से बात की तो इनका कहना था कि कोरोना के चलते ग्राहक नहीं आ रहे हैं, जिससे तनख्वाह भी नहीं मिल रही, अब तो घर चलाना मुश्किल हो गया है.

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घर से देना पड़ रहा दुकानों का किराया

घर से देना पड़ रहा है दुकानों का भाड़ा

इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने होटल-ढाबा संचालकों से बात की तो उनका कहना था कि कोरोना की वजह से दुकान का किराया भी नहीं निकल पा रहा हैं, ऊपर से मजदूरों का भी पैसा देना है और दुकानों का किराया भी देना है. व्यवसायियों का कहना था कि हालत इतनी खराब हो चुकी है कि ब्याज पर पैसे लेकर किराया देना पड़ रहा है. इस कारण काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही है.

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