करौली. राजस्थान सरकार के 20 फरवरी को आने वाला है. ऐसे में बजट को लेकर लोगों की गहलोत सरकार से क्या उम्मीदें हैं. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने करौली के लोगों से विशेष बातचीत की.
ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए पूर्व पार्षद धर्मेंद्र शर्मा ने कहा, कि करौली जिले का इंजीनियरिंग कॉलेज वर्तमान बाहर संचालित रहा है. उस इंजीनियरिंग कॉलेज को करौली में ही खोलने की सरकार से उम्मीद है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज को भी करौली शहर मे ही खोला जाए. शहर के हिसाब से राजकीय अस्पताल छोटा है. उसे भी बड़ा किया जाना चाहिए.
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बुजुर्ग बंजरग लाल शर्मा ने कहा, कि शहर में अस्पताल की व्यवस्था बहुत हल्की है, उसको दुरुस्त किया जाए. वही पुराना अस्पताल शहर के मध्य में है, सरकार को उसको उसी जगह ही बना रहने देना चाहिए. जिससे शहर के लोगों को दूर नहीं जाना पडे़. उन्होंने बताया, कि सरकार अस्पताल को शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थापित करना चाहती है.
आईएफडब्ल्यूजे पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र लवानिया ने कहा, कि आमजन के लिए पत्रकार सब कुछ करते हैं, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं कर पाते. इसलिए सरकार से पत्रकारों को बड़ी आशा है कि सरकार पत्रकारों के हित में कोई ऐसा कानून लागू करे. जिससे पत्रकार खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.
शहर के हनुमान वैद्य ने कहा कि बजट नई इकाई से होना चाहिए. अगर हम ज्यादा ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकते हैं, तो वह इकाइयों के माध्यम से दे सकते हैं. जिले में नए उद्योग विकसित हो. सरकार को संविदा कार्मिकों का ध्यान रखते हुए इनको पर्मानेंट करने की मांग करते है. सरकार को बजट व्यापारियों के हिसाब से पेश करना चाहिए क्योंकि व्यापारी देश की रीढ़ की हड्डी होते हैं.
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शहरवासी शिवकुमार शर्मा ने कहा, कि सरकार के बजट से करौली वासियों को बहुत उम्मीद है. केंद्र सरकार ने रेल को बहुत कम बजट दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरमथुरा-करौली रेल परियोजना का उद्घाटन किया था, तो सरकार से रेल में और बजट मिलने की उम्मीद है. करौली रोडवेज डिपो सिर्फ कागजों में दौड़ रहा है. शहर की मूलभूत सुविधा पेयजल, सड़क दुरुस्त करने के साथ ही पीजी कॉलेज में नया संकाय खोलने की भी उम्मीद करते हैं. ऐसे में देखना होगा, कि गहलोत सरकार जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाती है.