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करौली में फर्नीचर कारोबार ठप, कूलर मरम्मत करने को मजबूर व्यापारी

लॉकडाउन के कारण करौली के फर्नीचर व्यापारियों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं अब अनलॉक 1.0 के बाद भी ग्राहक नहीं आने से व्यापारी परेशान हैं.

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Published : Jun 14, 2020, 4:42 PM IST

करौली न्यूज, lockdown effect on furniture business
फर्नीचर व्यवसाय ठप

करौली. लॉकडाउन में करौली के फर्नीचर व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ है. फर्नीचर व्यापारियों का व्यापार शादी-ब्याह के सीजन में अच्छा चलता है. इस बार शादी के सीजन में ही लॉकडाउन के कारण व्यापारियों का व्यापार मंदा पड़ गया है. अनलॉक 1.0 में दुकानें तो खुली हैं, लेकिन व्यापारियों को अभी भी ग्राहकों का इंतजार है.

शादियों के सीजन में सोफा, बेड, अलमारी, डाइनिंग टेबल, कुर्सी समेत फर्नीचर से जुड़ी तमाम वस्तुओं की बिक्री ज्यादा होती है. इस साल कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण शादियां टाल दी गई. इसके चलते फर्नीचर कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. कारोबारियों का लाखों का माल दुकान में पड़ा हुआ है. वहीं कारोबारियों को उसकी जल्दी बिक्री की उम्मीद भी नहीं है.

फर्नीचर व्यवसाय ठप

यह भी पढ़ें. SPECIAL: Lockdown के बाद शादियों का सीजन तो लौटा, लेकिन सर्राफा बाजार में नहीं लौटी रौनक

व्यापारियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते जो हालात पैदा हुए हैं. उससे दीपावली से पहले निजात मिलती नजर नहीं आ रही है. उससे पहले शायद ही कारोबार पटरी पर आ पाए. लोगों की आमदनी ठप हो गई है और ग्राहकों की क्रय शक्ति घटी है. ऐसे में लोग आजीविका चलाने में ही परेशान हैं.

हो रही नाममात्र की कमाई

व्यापारियों का कहना है कि पहले इन महिनों में 50 लाख से अधिक तक की बिक्री हो जाती थी पर अब यह कमाई नाम मात्र की रह गई है. ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे खराब होती जा रही है. जिले भर में 200 से अधिक फर्नीचर की दुकानें हैं. इनमें 50 से अधिक ऐसे व्यापारी हैं, जो होलसेल का कार्य करते हैं. जिन्हें इस लॉकडाउन में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा इन फर्नीचर हाउस पर काम करने वाले श्रमिक भी पलायन कर चुके हैं. जिससे स्थिति और खराब हो चुकी है.

करौली न्यूज, lockdown effect on furniture business
कूलर मरम्मत करने के लिए मजबूर

यह भी पढ़ें. SPECIAL: शादी-पार्टियों की शान बढ़ाने वाले रोजी-रोटी के मोहताज, 20 हजार लोगों पर आर्थिक संकट

शादी-सावे का पीटा सीजन

व्यापारी जीतेंद्र ने बताया कि अक्टूबर से जनवरी, फरवरी और मार्च में मांगलिक कार्यक्रम होते हैं. जिनमें फर्नीचर की बिक्री अधिक मात्रा में की जाती है, लेकिन इस बार देश में कोरोना महामारी के चलते शादी विवाह नहीं हो पाए हैं. जिसको लेकर भी फर्नीचर हाउस की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी है. वहीं पूरा माल गोदाम में रखा है. राजस्थान सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है कि 50 लोगों ही शादी समारोह कार्यक्रम में शामिल होंगे. अब ऐसे में लोग इन खर्चों से बच रहे हैं.

बिजली का बिल और दुकान का भाड़ा चुकाना भी पड़ा भारी

व्यापारियों का कहना है कि अब दुकान का किराया और बिजली के बिल ने उनकी कमर तोड़ दी है. व्यापार तो पहले ही ठप पड़ा है, लेकिन खर्चे लगातार जारी हैं. जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस घाटे से उबरने के लिए उन्हें काफी समय लगेगा. व्यापारियों ने कहा कि पूरा काम बंद कर दिया गया है, ना ही कोई ग्राहक आ रहा है और ना ही काम हो पा रहा है. इसके चलते पूरा व्यापार ठप पड़ा है.

हालात बदले तो बदला काम

हाथी घटा स्थित फर्नीचर के व्यापारी जीतू ने बताया कि कोरोना संकट के चलते पूरा कारोबार ठप है. घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में गर्मी के मौसम को देखते हुए कूलरों की मरम्मत शुरू करना शुरू कर दिया है. जिससे घर गृहस्थी का खर्चा निकल आता है.

यह भी पढे़ं. करौली में चिकित्सा विभाग के कर्मचारी की रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव

इस कोरोना संकट के चलते आर्थिक तंगी इतनी हो गई है. घर का राशन चलाना भारी पड़ रहा है. वहीं दुकानों पर मजदूर लगाने के लिए बस नहीं है. सरकार की तरफ से भी कोई राहत नहीं मिली है तो क्या करें जब फर्नीचर का कारोबार ठप है तो घर खर्च कराने चलाने के लिए कुलरों की मरम्मत करना शुरू कर दिया है.

करौली. लॉकडाउन में करौली के फर्नीचर व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ है. फर्नीचर व्यापारियों का व्यापार शादी-ब्याह के सीजन में अच्छा चलता है. इस बार शादी के सीजन में ही लॉकडाउन के कारण व्यापारियों का व्यापार मंदा पड़ गया है. अनलॉक 1.0 में दुकानें तो खुली हैं, लेकिन व्यापारियों को अभी भी ग्राहकों का इंतजार है.

शादियों के सीजन में सोफा, बेड, अलमारी, डाइनिंग टेबल, कुर्सी समेत फर्नीचर से जुड़ी तमाम वस्तुओं की बिक्री ज्यादा होती है. इस साल कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण शादियां टाल दी गई. इसके चलते फर्नीचर कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. कारोबारियों का लाखों का माल दुकान में पड़ा हुआ है. वहीं कारोबारियों को उसकी जल्दी बिक्री की उम्मीद भी नहीं है.

फर्नीचर व्यवसाय ठप

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व्यापारियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते जो हालात पैदा हुए हैं. उससे दीपावली से पहले निजात मिलती नजर नहीं आ रही है. उससे पहले शायद ही कारोबार पटरी पर आ पाए. लोगों की आमदनी ठप हो गई है और ग्राहकों की क्रय शक्ति घटी है. ऐसे में लोग आजीविका चलाने में ही परेशान हैं.

हो रही नाममात्र की कमाई

व्यापारियों का कहना है कि पहले इन महिनों में 50 लाख से अधिक तक की बिक्री हो जाती थी पर अब यह कमाई नाम मात्र की रह गई है. ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे खराब होती जा रही है. जिले भर में 200 से अधिक फर्नीचर की दुकानें हैं. इनमें 50 से अधिक ऐसे व्यापारी हैं, जो होलसेल का कार्य करते हैं. जिन्हें इस लॉकडाउन में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा इन फर्नीचर हाउस पर काम करने वाले श्रमिक भी पलायन कर चुके हैं. जिससे स्थिति और खराब हो चुकी है.

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कूलर मरम्मत करने के लिए मजबूर

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व्यापारी जीतेंद्र ने बताया कि अक्टूबर से जनवरी, फरवरी और मार्च में मांगलिक कार्यक्रम होते हैं. जिनमें फर्नीचर की बिक्री अधिक मात्रा में की जाती है, लेकिन इस बार देश में कोरोना महामारी के चलते शादी विवाह नहीं हो पाए हैं. जिसको लेकर भी फर्नीचर हाउस की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी है. वहीं पूरा माल गोदाम में रखा है. राजस्थान सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है कि 50 लोगों ही शादी समारोह कार्यक्रम में शामिल होंगे. अब ऐसे में लोग इन खर्चों से बच रहे हैं.

बिजली का बिल और दुकान का भाड़ा चुकाना भी पड़ा भारी

व्यापारियों का कहना है कि अब दुकान का किराया और बिजली के बिल ने उनकी कमर तोड़ दी है. व्यापार तो पहले ही ठप पड़ा है, लेकिन खर्चे लगातार जारी हैं. जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस घाटे से उबरने के लिए उन्हें काफी समय लगेगा. व्यापारियों ने कहा कि पूरा काम बंद कर दिया गया है, ना ही कोई ग्राहक आ रहा है और ना ही काम हो पा रहा है. इसके चलते पूरा व्यापार ठप पड़ा है.

हालात बदले तो बदला काम

हाथी घटा स्थित फर्नीचर के व्यापारी जीतू ने बताया कि कोरोना संकट के चलते पूरा कारोबार ठप है. घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में गर्मी के मौसम को देखते हुए कूलरों की मरम्मत शुरू करना शुरू कर दिया है. जिससे घर गृहस्थी का खर्चा निकल आता है.

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इस कोरोना संकट के चलते आर्थिक तंगी इतनी हो गई है. घर का राशन चलाना भारी पड़ रहा है. वहीं दुकानों पर मजदूर लगाने के लिए बस नहीं है. सरकार की तरफ से भी कोई राहत नहीं मिली है तो क्या करें जब फर्नीचर का कारोबार ठप है तो घर खर्च कराने चलाने के लिए कुलरों की मरम्मत करना शुरू कर दिया है.

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