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स्पेशल: सर्दी में कुछ यूं रखें अपने पशुओं का ख्याल, दें प्रोटीन युक्त आहार - पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक

प्रदेश में भीषण ठंड का दौर जारी है. कड़ाके की इस ठंड में पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ खुशीराम मीना ने ईटीवी भारत से खास चर्चा की और पशुपालकों को शीतकाल में पशुओं को ठंड से बचाव की अपील की.

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ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पशु को खिलाएं गुड़
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Published : Jan 4, 2020, 3:30 PM IST

करौली. जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसका प्रभाव इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी हो रहा है. इसके चलते पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक खुशीराम मीना ने ईटीवी भारत से खास चर्चा की. जिसमें उन्होंने पशुपालकों को अपने पशुओं को ठंड से बचाने की अपील की. और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए उपाय बताए.

ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पशु को खिलाएं गुड़

संयुक्त निदेशक ने कहा कि शीतकाल में दिन की अपेक्षा रात्रि के तापमान में अधिक गिरावट हो जाती है. जिससे पशुओं को अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाएं रखने में काफी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इसके साथ ही भू सतह ठंडी हो जाने के कारण पशुओं के शरीर में ऊर्जा ह्मस होती रहती है और पशु आराम से बैठकर जुगाली भी नहीं कर पाता है. जिससे पशुओं में उत्पादन व पशु वृद्धि दर घट जाती है.

ऐसे करें देखभाल...

इसके अलावा पशुओं में सर्दी जनित निमोनिया सहित अन्य बीमारियों के शिकार होकर मृत्यु होने तक की भी आंशका बढ़ जाती है. इसके बचाव के लिए पशुपालकों को पशुबाड़े की खिड़कियों पर जूट के पर्दे, फर्श पर पशु का बिछामन सूखा, नरम एवं मूत्र को अवशोषित करने वाला होना चाहिए. साथ ही बिछावन के लिए भूसा,सूखी घास, रेत एवं पुआल का उपयोग कर सकते है.

यह भी पढ़ें : Exclusive: प्रियंका के राजस्थान दौरे पर धीरज गुर्जर की चुप्पी, शिशुओं की मौत को लेकर BJP पर बरसे

पशुबाड़े का निर्माण...

उन्होंने कहा कि पशुबाड़े का निर्माण यदि शीट, लौहे या प्लास्टिक की चादरों से किया गया है. तो उनके ऊपर सरकंडे या जूट की एक परत बिछा देनी चाहिए. जिससे पशुओं को सर्दीजनित बीमारियों से बचाया सकता है.

पशुओं को दें प्रोटीनयुक्त आहार...

उन्होंने बताया कि शीतकाल में दुधारू पशुओं को प्रोटीनयुक्त पशु आहार, खल एवं छिलकेदार अनाज अवश्य देना चाहिए. वहीं दूध की मात्रा बनाएं रखने के लिए 50 ग्राम मिनरल मिक्चर और 100 एमएल तरल कैल्सियम, गुड़ व 200 ग्राम तेल प्रतिदिन देना चाहिए.

यह भी पढ़ें : पाली की लाइफलाइन 'कपड़ा उद्योग' को जिंदा रखने की कवायद शुरू, 5 जनवरी को जांच के लिए आएगी टीम

ना दें सिर्फ हरा चारा...

पशुओं को सिर्फ हरा चारा नहीं देना चाहिए.बल्कि हरे चारे की कुटी कर के एक भाग हरे चारा, तीन भाग सूखा चारा मिलाकर देने से फायदा होता है. ऐसे मौसम में नवजात बछड़े व बछड़ियों की विशेष देखभाल की भी आवश्यकता होती है.

करौली. जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसका प्रभाव इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी हो रहा है. इसके चलते पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक खुशीराम मीना ने ईटीवी भारत से खास चर्चा की. जिसमें उन्होंने पशुपालकों को अपने पशुओं को ठंड से बचाने की अपील की. और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए उपाय बताए.

ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पशु को खिलाएं गुड़

संयुक्त निदेशक ने कहा कि शीतकाल में दिन की अपेक्षा रात्रि के तापमान में अधिक गिरावट हो जाती है. जिससे पशुओं को अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाएं रखने में काफी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इसके साथ ही भू सतह ठंडी हो जाने के कारण पशुओं के शरीर में ऊर्जा ह्मस होती रहती है और पशु आराम से बैठकर जुगाली भी नहीं कर पाता है. जिससे पशुओं में उत्पादन व पशु वृद्धि दर घट जाती है.

ऐसे करें देखभाल...

इसके अलावा पशुओं में सर्दी जनित निमोनिया सहित अन्य बीमारियों के शिकार होकर मृत्यु होने तक की भी आंशका बढ़ जाती है. इसके बचाव के लिए पशुपालकों को पशुबाड़े की खिड़कियों पर जूट के पर्दे, फर्श पर पशु का बिछामन सूखा, नरम एवं मूत्र को अवशोषित करने वाला होना चाहिए. साथ ही बिछावन के लिए भूसा,सूखी घास, रेत एवं पुआल का उपयोग कर सकते है.

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पशुबाड़े का निर्माण...

उन्होंने कहा कि पशुबाड़े का निर्माण यदि शीट, लौहे या प्लास्टिक की चादरों से किया गया है. तो उनके ऊपर सरकंडे या जूट की एक परत बिछा देनी चाहिए. जिससे पशुओं को सर्दीजनित बीमारियों से बचाया सकता है.

पशुओं को दें प्रोटीनयुक्त आहार...

उन्होंने बताया कि शीतकाल में दुधारू पशुओं को प्रोटीनयुक्त पशु आहार, खल एवं छिलकेदार अनाज अवश्य देना चाहिए. वहीं दूध की मात्रा बनाएं रखने के लिए 50 ग्राम मिनरल मिक्चर और 100 एमएल तरल कैल्सियम, गुड़ व 200 ग्राम तेल प्रतिदिन देना चाहिए.

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ना दें सिर्फ हरा चारा...

पशुओं को सिर्फ हरा चारा नहीं देना चाहिए.बल्कि हरे चारे की कुटी कर के एक भाग हरे चारा, तीन भाग सूखा चारा मिलाकर देने से फायदा होता है. ऐसे मौसम में नवजात बछड़े व बछड़ियों की विशेष देखभाल की भी आवश्यकता होती है.

Intro:प्रदेश सहित जिले मे पड रही कडाके की भीषण ठंड से पशुओं को निजात और बीमारियों से बचाव के लिए पशुपालन विभाग के सयुंक्त निदेशक खुशीराम मीना ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए पशुपालकों को शीतकाल मे अपने पशुओं को ठण्ड से बचाव की अपील.


Body:कडाके की ठंड से पशुओं को बचाने के लिए बाडे.की खिडकियों पर लगाये जूट के पर्दे,खिलाऐ गुड-सयुंक्त निदेशक,

करौली

प्रदेश मे भीषण ठंड का दौर जारी है.कडाके की ठंड से पशुओं को निजात और बीमारियों से बचाव के पशुपालन विभाग के सयुंक्त निदेशक डाँ खुशीराम मीना ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए पशुपालकों को शीतकाल मे अपने पशुओं को ठण्ड से बचाव की अपील की है.

ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए सयुंक्त निदेशक ने कहा की शीतकाल में दिन की अपेक्षा रात्रि के तापमान में अधिक गिरावट हो जाती है. जिससे पशुओं को अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाएं रखने में काफी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है.इसके साथ ही भू सतह ठंडी हो जाने के कारण पशुओं के शरीर मे ऊर्जा ह्मस होती रहती है.और पशु आराम से बैठकर जुगाली भी नहीं कर पाता है. जिससे पशुओं मे उत्पादन व पशु वृद्धि दर घट जाती है.इसके अलावा पशुओं मे सर्दी जनित निमोनिया सहित अन्य बीमारियों के शिकार होकर मृत्यु होने तक की भी आंशका बढ जाती है. इसके बचाव के लिए पशुपालकों क़ो पशुबाडे की खिडकियों पर जूठ के पर्दे,फर्श पर पशु का बिछामन सूखा,नरम एवं मूत्र को अवशोषित करने वाला होना चाहिए. साथ ही बिछावन के लिए भूसा,सूखी घास, रेत एवं पुआल का उपयोग कर सकते है.पशुबाडो का निर्माण. शीट या लौहे,अथवा प्लास्टिक की चादरो से किया गया है.तो उनके ऊपर सरकंडे या जूट की एक परत बिछा देनी चाहिए. जिससे पशुओं को सर्दीजनित बीमारियों से बचा सकते हैं.उन्होंने बताया कि शीतकाल में दुधारू पशुओं को प्रोटीनयुक्त पशु आहार खल एवं छिलकेदार अनाज अवश्य देने चाहिए और दूध की मात्रा बनाएं रखने के लिए 50 ग्राम मिनरल मिक्चर अथवा 100 एमएल तरल कैल्सियम, गुड़ व 200 ग्राम तेल प्रतिदिन देवें.पशुओं को सिर्फ हरा चारा नही दे.बल्कि हरे चारे की कुटी कर के एक भाग हरे चारे तीन भाग सूखा चारा मिलाकर देवे.ऐसे मौसम में नवजात बछडे बछडियो की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती हैं.


Conclusion:
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