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22 साल बाद भी करौली जिले में मूलभुत सुविधाओं का अभाव

करौली जिला का शुक्रवार को 22वां स्थापना दिवस मनाया गया. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि 22 साल बाद भी यहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.जिला होने के बावजूद भी यहां पर सड़क, पानी ,बिजली,चिकित्सा जैसी तमाम मूलभुत सुविधाओं का आभाव है.

22 साल बाद भी करौली जिले मे मूलभुत सुविधाओं का अभाव
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Published : Jul 20, 2019, 9:30 AM IST

करौली .जिला का शुक्रवार को 22वां स्थापना दिवस मना गया .लेकिन आलम ये है कि शहरवासियों की लंबे अरसे से चली आ रही मूलभूत सुविधाओं की मांगे अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं .शहर में रोडवेज डिपो,रेल लाइन ,मेडिकल कॉलेज जैसी प्रमुख मांगे अधूरी पड़ी हुई हैं. ऐसे में शहर वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहरवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन की अनदेखी के कारण जिला ,विकास की राह पर अग्रसर नहीं हो पाया है.

22 साल बाद भी करौली जिले में मूलभुत सुविधाओं का अभाव


जिले के स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर शहरवासियों और युवाओं ने ईटीवी भारत को बताया कि करौली जिले को बने हुए 22 साल हो गए हैं. लेकिन करौली आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो ,चिकित्सा का क्षेत्र हो या उद्योग क्षेत्र इन सभी सुविधाओं के मद्देनजर ,करौली आज भी पिछड़ा है.

सरकार चाहे कोई भी हो लेकिन करौली का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआ है. जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी जिला रेल की सुविधा से वंचित है. जिसकी लंबे अरसे से शहरवासियों द्वारा मांग भी की जा रही है.अस्पताल है लेकिन वह भी करौली से 5 किलोमीटर दूर स्थित है. सड़क इतनी खराब है कि महिला डिलीवरी के लिए जाती है तो रास्ते में ही कई बार प्रसव पीड़ा हो जाता है.

महिला पुष्पा देवी ने बताया कि अगर करौली रोडवेज डिपो चालू हो जाये और सड़क मार्ग सही हो जाए तो जिला विकास की ओर अग्रसर हो जायेगा. शहरवासी पवन शर्मा ने बताया कि करौली में न तो मेडिकल कॉलेज है न कोई और सुविधा है.


बिजली और पानी की भी समस्या है, जिससे लोग परेशान है.अशोक गहलोत सरकार ने करौली के लिए रोडवेज डिपो की सौगात दी थी वह भी भाजपा सरकार ने छीन ली.

करौली .जिला का शुक्रवार को 22वां स्थापना दिवस मना गया .लेकिन आलम ये है कि शहरवासियों की लंबे अरसे से चली आ रही मूलभूत सुविधाओं की मांगे अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं .शहर में रोडवेज डिपो,रेल लाइन ,मेडिकल कॉलेज जैसी प्रमुख मांगे अधूरी पड़ी हुई हैं. ऐसे में शहर वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहरवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन की अनदेखी के कारण जिला ,विकास की राह पर अग्रसर नहीं हो पाया है.

22 साल बाद भी करौली जिले में मूलभुत सुविधाओं का अभाव


जिले के स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर शहरवासियों और युवाओं ने ईटीवी भारत को बताया कि करौली जिले को बने हुए 22 साल हो गए हैं. लेकिन करौली आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो ,चिकित्सा का क्षेत्र हो या उद्योग क्षेत्र इन सभी सुविधाओं के मद्देनजर ,करौली आज भी पिछड़ा है.

सरकार चाहे कोई भी हो लेकिन करौली का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआ है. जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी जिला रेल की सुविधा से वंचित है. जिसकी लंबे अरसे से शहरवासियों द्वारा मांग भी की जा रही है.अस्पताल है लेकिन वह भी करौली से 5 किलोमीटर दूर स्थित है. सड़क इतनी खराब है कि महिला डिलीवरी के लिए जाती है तो रास्ते में ही कई बार प्रसव पीड़ा हो जाता है.

महिला पुष्पा देवी ने बताया कि अगर करौली रोडवेज डिपो चालू हो जाये और सड़क मार्ग सही हो जाए तो जिला विकास की ओर अग्रसर हो जायेगा. शहरवासी पवन शर्मा ने बताया कि करौली में न तो मेडिकल कॉलेज है न कोई और सुविधा है.


बिजली और पानी की भी समस्या है, जिससे लोग परेशान है.अशोक गहलोत सरकार ने करौली के लिए रोडवेज डिपो की सौगात दी थी वह भी भाजपा सरकार ने छीन ली.

Intro:करौली जिला भलई शुक्रवार को अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है.. लेकिन 22 साल बाद भी यहा पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.. जिला होने के बावजूद यहां पर सड़क पानी बिजली,चिकित्सा जैसी मुलभुत सुविधाओं की दरकिनार है.. शहरवासियों की लंबे अरसे से चली आ रही करौली में रोडवेज डिपो,रेल लाइन का कार्य चालू करवाने की ,करौली में मेडिकल कॉलेज जैसी प्रमुख मांगे भी अधूरी पड़ी हुई हैं..


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22 साल बाद भी करौली जिले मे मुलभुत सुविधाओं की दरकिनार,


करौली


करौली जिला भलई शुक्रवार को अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है.. लेकिन 22 साल बाद भी यहा पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.. जिला होने के बावजूद यहां पर सड़क पानी बिजली,चिकित्सा जैसी मुलभुत सुविधाओं की दरकिनार है.. शहरवासियों की लंबे अरसे से चली आ रही करौली में रोडवेज डिपो,रेल लाइन का कार्य चालू करवाने की ,करौली में मेडिकल कॉलेज जैसी प्रमुख मांगे भी अधूरी पड़ी हुई हैं.. ऐसे में शहर वासियों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है..शहरवासियों का आरोप है की जनप्रतिनिधि और प्रशासन की अनदेखी के कारण जिला विकास की ओर अग्रसर नहीं हो पाया...


जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर शहर के वासियों और युवाओं ने ईटीवी भारत को बताया की करौली जिले को बने हुए भलाई 22 साल हो गए हो लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी करौली तरस रहा है.. शिक्षा के क्षेत्र में हो चिकित्सा के क्षेत्र में हो या उद्योग के क्षेत्र में हो आज भी करौली पिछड़ा जिला ही रहा है.. कोई भी सरकार रही हो चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की. कांग्रेस के समय में करौली को नरेगा के क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग साबित किया था.. करौली का जितना विकास होना चाहिए था उतना विकास अभी तक नहीं हुआ है.. करौली जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी  रेल की सुविधा से वंचित है.. जिसकी लंबे अरसे से शहरवासियों द्वारा मांग भी की जा रही है.. अस्पताल है लेकिन वह भी करौली से 5 किलोमीटर दूर स्थित है.. सड़क इतनी खराब है की महिला डिलीवरी के लिए जाती है तो रास्ते में ही कई बार प्रसव पीड़ा हो गई है.. महिला पुष्पा देवी ने बताया की अगर करौली रोडवेज डिपो अगर चालू हो जाये और सड़क मार्ग सही हो जाए तो  जिला  विकास की ओर अग्रसर हो जायेगा.. शहरवासी पवन शर्मा ने बताया की करौली में ना तो मेडिकल कॉलेज है ना कोई सुविधा है बिजली और पानी की भी बहुत समस्या है जिसे जनता परेशान है.. करौली के अस्पताल को शहर से दूर 5 किलोमीटर दूर विस्थापित कर दिया.. अस्पताल के मार्ग में भी सड़क बिल्कुल खराब है जिससे शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है..अशोक गहलोत सरकार ने करौली के लिए रोडवेज डिपो की सौगात दी थी वह भी भाजपा सरकार ने छीन ली.. 


बाइट---- सौरभ शर्मा युवा,

 बाइट--- पुष्पा देवी

 बाइट--- पवन शर्मा शहरवासी,





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