करौली .जिला का शुक्रवार को 22वां स्थापना दिवस मना गया .लेकिन आलम ये है कि शहरवासियों की लंबे अरसे से चली आ रही मूलभूत सुविधाओं की मांगे अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं .शहर में रोडवेज डिपो,रेल लाइन ,मेडिकल कॉलेज जैसी प्रमुख मांगे अधूरी पड़ी हुई हैं. ऐसे में शहर वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहरवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन की अनदेखी के कारण जिला ,विकास की राह पर अग्रसर नहीं हो पाया है.
जिले के स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर शहरवासियों और युवाओं ने ईटीवी भारत को बताया कि करौली जिले को बने हुए 22 साल हो गए हैं. लेकिन करौली आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो ,चिकित्सा का क्षेत्र हो या उद्योग क्षेत्र इन सभी सुविधाओं के मद्देनजर ,करौली आज भी पिछड़ा है.
सरकार चाहे कोई भी हो लेकिन करौली का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआ है. जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी जिला रेल की सुविधा से वंचित है. जिसकी लंबे अरसे से शहरवासियों द्वारा मांग भी की जा रही है.अस्पताल है लेकिन वह भी करौली से 5 किलोमीटर दूर स्थित है. सड़क इतनी खराब है कि महिला डिलीवरी के लिए जाती है तो रास्ते में ही कई बार प्रसव पीड़ा हो जाता है.
महिला पुष्पा देवी ने बताया कि अगर करौली रोडवेज डिपो चालू हो जाये और सड़क मार्ग सही हो जाए तो जिला विकास की ओर अग्रसर हो जायेगा. शहरवासी पवन शर्मा ने बताया कि करौली में न तो मेडिकल कॉलेज है न कोई और सुविधा है.
बिजली और पानी की भी समस्या है, जिससे लोग परेशान है.अशोक गहलोत सरकार ने करौली के लिए रोडवेज डिपो की सौगात दी थी वह भी भाजपा सरकार ने छीन ली.