करौली. जिले में नव निर्मित अस्पताल भवन में मातृत्व शिशु इकाई का शिफ्टिंग का कार्य तो हो गया. लेकिन यहां पेयजल संकट बना हुआ है. इस भीषण गर्मी में पीने के पानी की व्यवस्था ना होने से मरीज सहित तिमारदार परेशान होते नजर आ रहे है..मजबूरी के चलते लोगों को यहां खरीदकर पानी पीना पड़ता है.
दरअसल, राज्य सरकार की पहल के बाद जिला प्रशासन की ओर से करौली जिला मुख्यालय के रणगमा के ताल पर स्थित नव निर्मित अस्पताल भवन में मातृत्व शिशु इकाई के शिफ्टिंग का कार्य किया गया. लेकिन पेयजल किल्लत के चलते रोगी, परिजनों और स्टाफ कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां रोगियों के परिजनों को बाहर से पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है. हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा टैंकरों से आपूर्ति करवाकर पेयजल समस्या से छुटकारा पाने की कोशिश की जाती हैं. लेकिन, तेज गर्मी के चलते यह व्यवस्था भी ऊंट के मुंह मे जीरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.
आपको बता दें कि मातृ शिशु इकाई अस्पताल को रणगमा ताल के पास स्थित नवीन भवन में स्थानांतरण करने के समय से ही पानी की समस्या का संकट बना हुआ है. क्षेत्र में जल स्त्रोत नहीं होने व उचित प्रबंधक नहीं होने के कारण चिकित्सालय में पानी की समस्या बनी हुई है. अस्पताल में पेयजल समस्या समाधान के लिए सरकार ने करीब 3 करोड़ रूपए स्वीकृत कर पेयजल योजना स्वीकृत की थी.
लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते वह अभी तक पूरी नहीं हुई है.पेयजल समस्या मामले में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया की मेरी जानकारी में आया है की अस्पताल में पानी की समस्या है. पीएमओ को कहकर जल्दी ही कोर कमेटी की बैठक बुलाकर पानी की समस्या का समाधान किया जायेगा.