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करौली: प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार के विरोध में चिकित्सकों ने बांधी काली पट्टी

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Published : May 8, 2020, 4:54 PM IST

प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच चिकित्साकर्मियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है. जिसका चिकित्सों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया है. साथ ही सरकार से इस दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने की मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर चिकित्सकों ने आंदोलन को बढ़ाने की चेतावनी भी दी.

करौली की खबर, doctors protest
काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए चिकित्सक

करौली. प्रदेश में चिकित्साकर्मियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है. जिसका चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर ऐसा किया गया.

चिकित्साकर्मियों ने सरकार से उन पर हो रहे दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने की मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को बढाने की चेतावनी दी है. चिकित्सकों ने बताया कि पूरा देश इस समय नोबेल कोरोना वायरस की चपेट में है. इस दौरान चिकित्साकर्मी लगातार मरीजों के इलाज के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं. इसके साथ ही घर-घर जाकर डोर-टू-डोर कोरोना की जांच भी की जा रही है.

इस बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चिकित्सकों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. विरोध जताते हुए शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय आह्वान पर समस्त चिकित्सककर्मियों ने काली पट्टी बांधकर ब्लैक फ्राईडे के रूप में विरोध जताया.

पढ़ें: लॉकडाउन में मालगाड़ी पर बैठकर नासिक जा रहा था प्रेमी जोड़ा, गेटमैन ने पकड़ा

सेवारत चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. भुवनेश बंसल ने कहा कि चिकित्साकर्मी अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं. इसके बाद भी उनके साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं निंदनीय है. इस दौरान डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता, जितेंद्र मीणा, बलराम मीणा सहित जिला अस्पताल के अन्य चिकित्सक मौजूद रहे.

करौली. प्रदेश में चिकित्साकर्मियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है. जिसका चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर ऐसा किया गया.

चिकित्साकर्मियों ने सरकार से उन पर हो रहे दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने की मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को बढाने की चेतावनी दी है. चिकित्सकों ने बताया कि पूरा देश इस समय नोबेल कोरोना वायरस की चपेट में है. इस दौरान चिकित्साकर्मी लगातार मरीजों के इलाज के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं. इसके साथ ही घर-घर जाकर डोर-टू-डोर कोरोना की जांच भी की जा रही है.

इस बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चिकित्सकों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. विरोध जताते हुए शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय आह्वान पर समस्त चिकित्सककर्मियों ने काली पट्टी बांधकर ब्लैक फ्राईडे के रूप में विरोध जताया.

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सेवारत चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. भुवनेश बंसल ने कहा कि चिकित्साकर्मी अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं. इसके बाद भी उनके साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं निंदनीय है. इस दौरान डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता, जितेंद्र मीणा, बलराम मीणा सहित जिला अस्पताल के अन्य चिकित्सक मौजूद रहे.

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