करौली. जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं के खिलाफ बीते दिन शहर के लोगों की ओर से किए गए प्रदर्शन के बाद गुरुवार को अस्पताल के चिकित्सक भी सड़क पर उतर आए. चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया. इसके साथ ही अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के प्रति आम जनता को भड़काने एवं सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की गई.
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चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को ज्ञापन सौंपकर बताया कि जिला अस्पताल में कार्यरत सभी चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मी निष्ठा एवं इमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. कोरोना काल में मरीजों की देखरेख और इलाज के दौरान कई चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मी कोरोना संक्रमित भी हुए हैं. इसके बावजूद वे अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुए. लेकिन बुधवार दोपहर को जिला कलेक्ट्रेट परिसर में खुले प्रांगण में शहर के कुछ लोगों ने एकत्रित होकर करौली चिकित्सालय में कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारी एवं नर्सिंग कर्मियों के लिए सार्वजनिक तौर पर अभ्रद भाषा का प्रयोग किया.
इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल से भगाने, मरीजों से पैसे वसुलने, काम न करने तथा सभी कार्य वार्ड बॉय से करवाने जैसे झूठे एवं निराधार आरोप लगाए गए. इन निराधार आरोपों की वीडियोग्राफी तैयार कर वायरल कर आम जनता को चिकित्सा कर्मियों के प्रति भड़काने और चिकित्सा कर्मियों की प्रतिष्ठा धूमिल करने का काम किया गया है जो गलत है. चिकित्सकों का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने जिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के कक्ष में जाकर पीएमओ के राजकार्य में बाधा पहुचाते हुए अभ्रदता की. इस दोरान जिला अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर दिनेश चंद गुप्ता, चिकित्सक अनीता गुप्ता, डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता, सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे.