करौली. जिले के श्रम कल्याण विभाग कार्यालय में चल रहे गड़बड़झाले को लेकर करौली कलेक्टर सख्त नजर आए. कलेक्टर को विभाग के मध्यस्थों और एजेंटों से साठगांठ कर भुगतान करने के संबंध में मिली शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेते हुए जांच कमेटी का गठन कर अधिकारियों को जल्द ही जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.
जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि निरंतर शिकायतें मिल रही थी कि श्रम विभाग कार्यालय की ओर से सनिर्माण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में सामान्यत: दुर्घटनाग्रस्त मृतकों के आश्रितों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि को सरकार के नियमानुसार नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सहायता राशि में से 50 प्रतिशत राशि आश्रितों के बैंक खाते में जमा करने और 50 प्रतिशत राशि को एफडी कराने का प्रावधान है. लेकिन विभाग की ओर से राशि को बैंक खाते मे डाला जा रहा था. उन्होंने कहा कि बैंक में राशि जाने के बाद उसके दुरुपयोग होने की संभावना रहती है.
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नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार अगर 50 प्रतिशत राशि की एफडी होती है तो वह राशि सुरक्षित रहेगी और भविष्य में काम आएगी. वहीं उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत राशि का आश्रित तत्काल उपयोग कर सकता है. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस प्रकार की शिकायत मिलने पर एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है और जांच कमेटी को शीघ्र ही जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि उसके बाद विभाग की ओर से किन परिस्थितियों में राशि को डाला गया है उस पर सख्त एक्शन लेते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.