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करौली: कोरोना संकट में उड़ाई जा रही स्वच्छता अभियान की धज्जियां, अधिकारी बने बेखबर - करौली में सफाई व्यवस्था

करौली के मंडरायल कस्बे में कोरोना संकट काल के बीच स्वच्छता मिशन की धज्जियां सरेआम उडाई जा रही है. जहां प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी समस्या का सामना कर पड़ रहा है.

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कोरोना संकट में उड़ाई जा रही स्वच्छता अभियान की धज्जियां
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Published : May 9, 2021, 9:24 PM IST

करौली. जिले के मंडरायल कस्बे में कोरोना संकट काल के बीच स्वच्छता मिशन की धज्जियां सरेआम उडाई जा रही है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी समस्या का सामना कर पड़ रहा है.

दरअसल मंडरायल कस्बे के तहसील परिसर के सामने बनी नालियों में गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों के बीच जमा हो जाता है. जिससे अधिकारियों कर्मचारियों सहित राहगीरों को निकलने में भारी समस्या का सामना करना पडता है. साथ ही गंदे पानी में से होकर निकलने के लिए मजबूर होना पडता है. इसको लेकर कस्बे के लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों सहित ग्राम पंचायत को अवगत करा दिया, लेकिन अधिकारियों और ग्राम पंचायत की आंख मिछोली के बीच नाली को सुधारने की जहमत तक नहीं उठाई है. ना ही कभी सुधारने की कोशिश की, जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त बना हुआ है.

पढ़ें: कोरोना वॉरियर्स मानते हुए बैंकिंग सेक्टर के कर्मचारियों का हो वैक्सीनेशन: किरोड़ी लाल मीणा

बता दें कि जिस जगह पर पानी का भराव होता है. उस जगह पर उपखंड कार्यालय का गेट भी है और इसी रास्ते से होकर पंचायत समिति के लिए भी आमजन को अपने कार्य कराने के लिए गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन पंचायत समिति कार्यालय में बैठे अधिकारियों को कीचड़ नहीं देखता है.

वैसे तो सरकार की ओर से कस्बे की साफ सफाई के लिए प्रति महीने हजारों रुपए की तादाद में सरकार भुगतान करती है. यहां के अधिकारियों की लापरवाही अब साफ सामने नजर आ रही है कि साफ सफाई की वजह से बिलों को उठाकर अपने जेब गर्म की जाती है. लेकिन साफ-सफाई के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी डाले हुए बैठे हुए हैं.

करौली. जिले के मंडरायल कस्बे में कोरोना संकट काल के बीच स्वच्छता मिशन की धज्जियां सरेआम उडाई जा रही है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी समस्या का सामना कर पड़ रहा है.

दरअसल मंडरायल कस्बे के तहसील परिसर के सामने बनी नालियों में गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों के बीच जमा हो जाता है. जिससे अधिकारियों कर्मचारियों सहित राहगीरों को निकलने में भारी समस्या का सामना करना पडता है. साथ ही गंदे पानी में से होकर निकलने के लिए मजबूर होना पडता है. इसको लेकर कस्बे के लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों सहित ग्राम पंचायत को अवगत करा दिया, लेकिन अधिकारियों और ग्राम पंचायत की आंख मिछोली के बीच नाली को सुधारने की जहमत तक नहीं उठाई है. ना ही कभी सुधारने की कोशिश की, जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त बना हुआ है.

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बता दें कि जिस जगह पर पानी का भराव होता है. उस जगह पर उपखंड कार्यालय का गेट भी है और इसी रास्ते से होकर पंचायत समिति के लिए भी आमजन को अपने कार्य कराने के लिए गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन पंचायत समिति कार्यालय में बैठे अधिकारियों को कीचड़ नहीं देखता है.

वैसे तो सरकार की ओर से कस्बे की साफ सफाई के लिए प्रति महीने हजारों रुपए की तादाद में सरकार भुगतान करती है. यहां के अधिकारियों की लापरवाही अब साफ सामने नजर आ रही है कि साफ सफाई की वजह से बिलों को उठाकर अपने जेब गर्म की जाती है. लेकिन साफ-सफाई के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी डाले हुए बैठे हुए हैं.

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