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करौली: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को भाजपा ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया

करौली जिले में 23 जून को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर जिले के 22 मंडलो में भाजपा ने कार्यक्रम आयोजित किए. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को भाजपा ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया. बीजेपी महिला मोर्चा की तरफ से भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को भाजपा ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया
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Published : Jun 23, 2020, 9:31 PM IST

करौली. भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर जिले के 22 मंडलों में भाजपा ने कार्यक्रम आयोजित किए. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को भाजपा ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया. भाजपा जिला मीडिया प्रभारी ने बताया कि करौली जिले के 22 मंडलों में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई. जिसमें महिला मोर्चा की तरफ से भी कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने जिले में कई जगह समारोह का आयोजन कर जनसंघ के संस्‍थापक डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी की पु‍ण्यतिथि मनाई.

कौन थे डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी?

6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ. मुखर्जी का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ उनके पिता इलाके के प्रतिष्ठित शख्सियत थे. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास की और 1921 में बीए. लॉ की डिग्री 1923 में पूरी करने के बाद मुखर्जी ब्रिटेन चले गए. 1926 में बैरिस्टर बनके लौटे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की.

पढ़ें: देश का विभाजन सबसे बड़ी त्रासदी और नेहरू का प्रधानमंत्री बनना दूसरी सबसे बड़ी भूल : पूनिया

श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर को लेकर काफी मुखर थे. उन्होंने दो विधान और दो झंडो के सिद्धांत के खिलाफ थे. कश्मीर नीति को लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जमकर घेरा. 1953 में वो बिना परमिशन कश्मीर यात्रा पर चले गए. जहां गिरफ्तार कर नजर बंद कर दिया गया. 23 जून 1953 को रहस्यमयी परिस्थितियों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत हो गई थी.

जिसके बाद से बीजेपी उनकी पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाती आई है. इसी क्रम में मंगलवार को राजस्थान में जगह-जगह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में कार्यक्रम आयोजित किए गए.

करौली. भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर जिले के 22 मंडलों में भाजपा ने कार्यक्रम आयोजित किए. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को भाजपा ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया. भाजपा जिला मीडिया प्रभारी ने बताया कि करौली जिले के 22 मंडलों में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई. जिसमें महिला मोर्चा की तरफ से भी कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने जिले में कई जगह समारोह का आयोजन कर जनसंघ के संस्‍थापक डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी की पु‍ण्यतिथि मनाई.

कौन थे डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी?

6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ. मुखर्जी का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ उनके पिता इलाके के प्रतिष्ठित शख्सियत थे. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास की और 1921 में बीए. लॉ की डिग्री 1923 में पूरी करने के बाद मुखर्जी ब्रिटेन चले गए. 1926 में बैरिस्टर बनके लौटे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की.

पढ़ें: देश का विभाजन सबसे बड़ी त्रासदी और नेहरू का प्रधानमंत्री बनना दूसरी सबसे बड़ी भूल : पूनिया

श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर को लेकर काफी मुखर थे. उन्होंने दो विधान और दो झंडो के सिद्धांत के खिलाफ थे. कश्मीर नीति को लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जमकर घेरा. 1953 में वो बिना परमिशन कश्मीर यात्रा पर चले गए. जहां गिरफ्तार कर नजर बंद कर दिया गया. 23 जून 1953 को रहस्यमयी परिस्थितियों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत हो गई थी.

जिसके बाद से बीजेपी उनकी पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाती आई है. इसी क्रम में मंगलवार को राजस्थान में जगह-जगह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में कार्यक्रम आयोजित किए गए.

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