करौली. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत आशा सहयोगनियों ने सोमवार को अपनी विभिन्न मांगो को लेकर जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया. कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरना देकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री अशोख गहलोत के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर को ज्ञापन सौंप कर सरकार से विभिन्न मांगों को मानने की मांग की.
आशा सहयोगिनियों ने बताया कि विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए लम्बे समय से आंदोलन कर रही है. मांगों को लेकर आशाओं ने कार्य बहिष्कार भी कर रखा है और कई बार धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का अपनी मांगों के प्रति ध्यान भी आकर्षित कराया. इसके बाबजूद उनकी मांगे पूरी नहीं की गई.
आशाओं का कहना है कि उनकी विभिन्न मांगों में केंद्र सरकार के तहत लाभार्थ योजनाओं से आशा सहयोगनियों को जोड़ा जाए. इसी के साथ न्यायलय के आदेशानुसार आशा सहयोगनी कार्मिकों के वेतन में वृद्धि किया जाए और नियमितीकरण को लेकर नियम बनाया जाए.
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आशाओं ने बताया कि वो लगातार 15 सालों से आशा सहयोगिनी के पद पर कार्य कर रही है और वेतन सिर्फ 2,700 रुपए है, जोकि न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. आशा सहयोगिनी कार्मिकों का कहना है कि उनको राज्य सरकार की ओर से नियुक्त किया गया था. वर्तमान में उक्त आशा कार्मिक महिलाओं को चिकित्सा और महिला बाल विकास विभाग दो क्षेत्रों में कार्य करना पड़ रहा है. इसके बाद भी राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है. आशाओं ने बताया कि मांगों को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आशा सहयोगिनी कार्मिकों का कार्य बहिष्कार जारी है.