करौली. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में जिला कलेक्टर ने सड़कों पर आवारा पशुओं के घूमने से आए दिन हो रही दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पशुपालन और नगरपरिषद के अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर समाधान करने के निर्देश दिए.
जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बैठक में जिले में सड़कों पर आवारा गौवंश के घूमने से दुर्घटनाएं हो जाती है. इस समस्या के समाधान के लिये पशुपालन विभाग और नगर परिषद समन्वय स्थापित कर उन्हें आवारा पशुओं को पकड़ने और उन्हें गौशाला भिजवाने के लिए निर्देशित किया.
साथ ही उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारी को पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम के तहत पशुओ के प्रति पीड़ा या यातना या अन्य किसी क्रूरता से संबंधित जानकारी मिलती है तो इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं की सींगों पर रेडियम स्टीकर लगाने के निर्देश दियें, जिससे इनसे होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
कलेक्टर ने कहा कि सड़कों पर जो शहरवासी पशुओं को छोड़ देते हैं उन्हें समझाए कि अपने पशुओं को अपने घरों पर ही रखें. पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में सदस्यों ने पशुओं के प्रति हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव दिए. इस पर जिला कलेक्टर ने समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया.
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बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक खुशीराम मीना ने पशुओं के प्रति क्रूरता अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान जिला कलेक्टर ने जिले की यादव वाटी गौशाला के साफ-सफाई, टीककरण, समय पर कृत्रिम गर्भाधान करवाने, पशुओं की उचित तरह से देखभाल करने पर राज्य की ओर से पूर्व में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 21 हजार रुपए का चेक और मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया.
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेन्द्र सिंह चारण, डीएफओ नंन्दलाल प्रजापत, सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं गौशालाओं के अध्यक्ष औऱ सदस्य मौजूद रहे.