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जोधपुर के युवाओं ने सोशल मीडिया के जरिए 700 पशु-पक्षियों के लिए जुटाया खाना

जोधपुर नरसिंह परिहार और उनके युवा साथियों ने शहर के बेजुबान पक्षियों और जानवरों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उठाई है. इन युवाओं ने जोधपुर के कई जगहों पर मवेशियों और पक्षियों के लिए दाना के साथ-साथ पानी भी रख रहे हैं.

जोधपुर न्यूज, कोरोना वायरस, jodhpur news, corona virus
700 पशु-पक्षियों के लिए जुटाया खाना
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Published : May 17, 2020, 12:20 PM IST

जोधपुर. लॉकडाउन में जिले के दर्जनों लोगों ने गरीबों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया है, लेकिन इसी बीच नरसिंह परिहार और उनके युवा साथियों ने शहर के बेजुबान पक्षियों और जानवरों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उठाई है. इन युवाओं ने जोधपुर के कई जगहों पर मवेशियों और पक्षियों के लिए दाना के साथ-साथ पानी भी रख रहे हैं.

700 पशु-पक्षियों के लिए जुटाया खाना

दरअसल, लॉकडाउन के बाद पक्षियों के सामने दाना पानी का संकट खड़ा हो गया है. इन युवाओं ने जब अपने आस-पास के पशुओं की स्तिथि देखी तो मन में विचार आया कि बेजुबान पशु-पक्षियों की खाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. इसके इन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और अपने जान-पहचान के सभी लोगों को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़ा.

पढ़ेंः जयपुरः सस्ते के कारण मानव शरीर से सौदा, सैनिटाइजेशन में इस्तेमाल होगा हाइड्रोजन पेरोक्साइड

जिसके बाद सभी युवाओं ने अपने स्तर पर मदद करना शुरू किया. जब लॉकडाउन बढ़ा तो इन्होंने सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम किया है. आज ये युवा रोज 700 से अधिक पशुओं को चारे और खाने की व्यवस्था कर रहे है. कुछ लोग फोन के जरिए जानवरों और पक्षियों के लिए भोजन की कमी की जानकारी दे रहे हैं. जिसके बाद इन सभी जगहों पर उनके लोग पहुंचकर दाना-पानी उपलब्ध कराते हैं.

जोधपुर. लॉकडाउन में जिले के दर्जनों लोगों ने गरीबों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया है, लेकिन इसी बीच नरसिंह परिहार और उनके युवा साथियों ने शहर के बेजुबान पक्षियों और जानवरों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उठाई है. इन युवाओं ने जोधपुर के कई जगहों पर मवेशियों और पक्षियों के लिए दाना के साथ-साथ पानी भी रख रहे हैं.

700 पशु-पक्षियों के लिए जुटाया खाना

दरअसल, लॉकडाउन के बाद पक्षियों के सामने दाना पानी का संकट खड़ा हो गया है. इन युवाओं ने जब अपने आस-पास के पशुओं की स्तिथि देखी तो मन में विचार आया कि बेजुबान पशु-पक्षियों की खाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. इसके इन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और अपने जान-पहचान के सभी लोगों को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़ा.

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जिसके बाद सभी युवाओं ने अपने स्तर पर मदद करना शुरू किया. जब लॉकडाउन बढ़ा तो इन्होंने सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम किया है. आज ये युवा रोज 700 से अधिक पशुओं को चारे और खाने की व्यवस्था कर रहे है. कुछ लोग फोन के जरिए जानवरों और पक्षियों के लिए भोजन की कमी की जानकारी दे रहे हैं. जिसके बाद इन सभी जगहों पर उनके लोग पहुंचकर दाना-पानी उपलब्ध कराते हैं.

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