जोधपुर. मंडोर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक 20 वर्षीय युवक ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है. उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. युवक ने पुलिस को पर्चा बयान में आत्महत्या करने का जो कारण बताया है वह चौंकाने वाला है. युवक ने कहा कि उसे दो साल पहले एक एक्सीडेंट के मामले में फंसा दिया गया. उसका वारंट जारी हो गया है. जबकि उसने कोई एक्सीडेंट नहीं किया (Youth consumed poison fearing arrest in accident) है.
शराब के नशे में उससे एक व्यक्ति उसका ड्राइविंग लाइसेंस ले गया था. अब उसे पुलिस का संदेश मिला, तो वह परेशान हो गया. इसके चलते उसने चूहे मारने की दवा सेवन कर लिया. फिलहाल मंडोर थाना पुलिस ने उसके खिलाफ आत्महत्या करने के प्रयास का मामला दर्ज किया है. मामले के जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक नवीन कुमार का कहना है कि अभी वह पूरी तरह से ठीक हो जाए, तो उसके बाद उससे पूछताछ की जाएगी. मामले की पूरी जांच होने पर ही सच्चाई सामने आएगी.
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एक्सीडेंट में नाम डाला, जमानत करवाई: मंडोर गार्डन के बाहर शिंकजी का ठेला लगाने वाले टीपू उर्फ ओमसिंह ने बताया कि करीब 2 साल पहले वह अपने घर पर था. शाम के समय उसने शराब पी रखी थी. उस समय उसका परिचित राजेश विश्नोई उसके पास आया और उसे मंडोर थाने ले गया. उसका लाइसेंस लिया और कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवाए. मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ पिकअप एक्सीडेंट की रिपोर्ट है. बाद में सुनील विश्नोई ने कोर्ट से मेरी जमानत भी करवा दी थी.
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थाने से बुलावा आया, तो डर गया: टीपू का कहना है कि 20 नवंबर को उसके पास एक आदमी आया और कहा कि कोर्ट का आर्डर आया है. मंडोर चौकी आकर मिलना. वह उसी दिन शाम को मंडोर चौकी गया, लेकिन वहां कोई पुलिसर्मी नहीं मिला. रात को उसे लगा कि अब कोर्ट के चक्कर काटने पडेंगे. पुलिस गिरफ्तार भी करेगी. जो एक्सीडेंट मैंने नहीं किया, उसके लिए परेशान होना पड़ेगा. इस डर से घर में रखी चूहे मारने की दवा पी ली. तबीयत बिगड़ी तो उसका भाई कुंदन उसे लेकर एमजीएच आया. अस्पताल में एसआई जगदीश सिंह ने उसका पर्चा बयान लिया, जिसमें उसने पूरी काहानी बताई.