भोपालगढ़ (जोधपुर). विधानसभा क्षेत्र के साथीन गांव के बाशिंदों ने अव्यवस्थित पेयजल सप्लाई को लेकर सहायक अभियंता के नाम ज्ञापन सौंपकर रोष जताया है. ग्रामीणों ने लंबे समय से पेयजल अव्यवस्था को लेकर आक्रोश जताया है. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि साथीन गांव में एक वार्ड में पानी की सप्लाई 30 दिनों में एक बार ही होती है. विभाग द्वारा मात्र 1 घण्टा ही पानी छोड़ा जाता है, जो आमजन की जरूरत की हिसाब बेहद कम है.
ऐसे में ग्रामीणों को महंगे दामों पर पानी टैंकरो पर निर्भर रहना पड़ता है. इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप भी लगाया कि आसपास के अन्य गांवों में पेयजल व्यवस्था सुदृढ है, जबकि साथीन के बाशिंदे वर्षों से पानी की किल्लत को लेकर परेशान है. इस दौरान कार्यवाहक सहायक अभियंता मेहराम चौधरी ने ग्रामीणों को बताया कि योजना में पेयजल आपूर्ति गांव तक भोपालगढ जलदाय विभाग द्वारा होती है और गांव की मुख्य टंकी से गांवों के वार्डों में आपूर्ति की जिम्मेदारी पीपाड़ जलदाय विभाग की है.
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ऐसे में भोपालगढ जलदाय विभाग को सूचना भेजकर पानी की मात्रा बढ़ाने के लिए लिखा जाएगा. इस दौरान जयसिंह, बाबुलाल लीलड़, भीयाराम सोमराड़, मनीराम मूंदीयाड़ा, सेठुपूरी गोस्वामी, सीताराम कुड़िया, जय सिंह उदावत, भीखा पूरी गोस्वामी, चेनसिंह भाटी, बगदाराम प्रजापत सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे.
एक्सीडेंटल जोन पर शिक्षा विभाग की भी होगी निगरानी
भोपालगढ़ में एक्सीडेंटल जोन पर अभी तक पुलिस की ही नजर रहती थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इन जगहों पर नजर रखेंगे. चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है. शिक्षा अधिकारी इन दुर्घटना संभावित स्थल के आसपास संचालित स्कूलों पर नजर रखेंगे, ताकि बच्चे किसी हादसे का शिकार न हो. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से इस तरह की स्कूलों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. विभाग ऐसे स्कूलों का सर्वे करवाएगा, जो दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र और एक्सडेंटल जोन में संचालित हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे स्कूल और उनमें अध्ययनरत बच्चे चिह्नित रहेंगे, ताकि उन बच्चों को किसी भी आपदा में प्रभावित होने पर बीमा का लाभ आसानी से मिल सके.
भोपालगढ़ मनोहर लाल मीणा ने बताया कि निदेशालय से जारी आदेश में जिला अधिकारियों से स्पष्ट रूप से पूछा गया है कि जिले में कितने एक्सीडेंटल जोन है, जिनके आसपास स्कूल संचालित हो रहे हैं, उनका सर्वे किया जाएं. सर्वे में वे स्कूल शामिल किए जाएंगे, जिनके आसपास दुर्घटनाओं की संख्या अधिक रहती है. जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया है कि वे ऐसे सभी स्कूलों का सर्वे करवाकर बताएं कि उनके क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल हैं, जिनमें दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.
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आदेश के तहत स्कूलों का सर्वे किया जाएगा. इनमें अधिकतर वे स्कूल शामिल होंगे, जो दुर्घटना संभावित स्थलों के आसपास है. इसमें हाइवे, स्टेट हाईवे या नदी और तालाबों के नजदीक संचालित स्कूलों को प्रमुखता से चिह्नित किया जाएगा. ये वे स्थल है, जहां नजर चूकते ही बच्चे दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में इस तरह की स्कूलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, ताकि बच्चों के साथ कोई हादसा घटित नहीं हो.