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संजीवनी घोटाला : गिरफ्तारी से बचने के लिए केंद्रीय मंत्री शेखावत पहुंचे हाईकोर्ट

संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में लगभग 900 करोड़ के घोटाले का आरोप है. इस घोटाले का आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं ही केद्रीय मंत्री शेखावत पर लगा रहे हैं. अपनी गिरफ्तारी के बचने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हाई कोर्ट पहुंचे हैं.

शेखावत बनाम गहलोत
शेखावत बनाम गहलोत
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Published : Mar 24, 2023, 12:13 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 2:22 PM IST

जोधपुर. प्रदेश के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला के आरोप में घिरे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए धारा 482 के तहत अपनी याचिका दायर की है. हालांकि याचिका पर सुनवाई कब होगी उसकी तारीख अभी तय नहीं है. लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट की वेबसाइट पर याचिका रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपलब्ध है. मंत्री शेखावत के इस कदम को कानूनी जानकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली में दायर मानहानि की याचिका मुकदमे से जोड़ कर देख रहे हैं. जिसमें कोर्ट से मुख्यमंत्री गहलोत को समन जारी हो सकता है. इस मामले पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

गौर है कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 900 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप है. जिसमें हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई लगभग डूब गई है. मुख्यमंत्री स्वयं ही केद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले का आरोप मढ़ रहे हैं. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि इसके लिए यदि उन्हें जेल जाना पड़ा तो वो जाने के लिए तैयार हैंं.

21 मार्च को रजिस्टर्ड हुई याचिका
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका 21 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट में पंजीकृत हुई है. बता दें कि यह याचिका विविध आपराधिक याचिका के तहत दायर की गई है. जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका कर्ता को अंतरिम राहत मिलती है. जिस पर सुनवाई की तारीख आज यानी शुक्रवार को तय हो सकती है.

क्यों हुई याचिका जरूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार आरोप लगा रहे हैं कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला में एसओजी की जांच में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आरोपी अभियुक्त है. यानी एसओजी अगर अगली चार्जशीट कोर्ट में फाइल करती है तो उसमें शेखावत का नाम आने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है. या पुलिस उससे पहले ही उनकी (शेखावत) गिरफ्तारी का प्रयास कर सकती है. जिससे बचने के लिए ही उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पढ़ें संजीवनी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जेल जाने को तैयार हूं : गहलोत

शेखावत के रिश्तेदार भी अंतरिम राहत पर
बता दें कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कुछ समय पहले ही जोधपुर से चार्टर्ड अकाउंटेंट जेठमल डाकलिया, भाई गौतम चंद ओर उनके बेटे दिनेश डाकलिया को हिरासत में लिया था. तत्पश्चात उनके रिश्तेदार और गजेंद्र सिंह शेखावत के साले अशोक राठौड़ समेत आठ लोगों ने हाईकोर्ट में विविध आपराधिक याचिकाएं लगाकर अंतरिम राहत मांगी थी. जिसके तहत उन्हें कोर्ट से राहत मिली है. इन्हीं कारणों से उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है.

शेखावत पर संकट क्यों
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ही केंद्रीय मंत्री शेखावत पर लगातार हमला कर रहे हैं. उन पर अभियुक्त होने का आरोप भी लगा रहे हैं. उसके बाद ही मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके खिलाफ दिल्ली में मानहानि का दावा भी दायर किया है. जिस मुकदमें में अब मुख्यमंत्री गहलोत को समन जारी होने वाला है. ऐसे में मंत्री शेखावत को आशंका है कि गहलोत की एसओजी शांत नही बैठेगी. उनका अगला टारगेट मंत्री शेखावत हो सकते हैं.

जोधपुर. प्रदेश के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला के आरोप में घिरे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए धारा 482 के तहत अपनी याचिका दायर की है. हालांकि याचिका पर सुनवाई कब होगी उसकी तारीख अभी तय नहीं है. लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट की वेबसाइट पर याचिका रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपलब्ध है. मंत्री शेखावत के इस कदम को कानूनी जानकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली में दायर मानहानि की याचिका मुकदमे से जोड़ कर देख रहे हैं. जिसमें कोर्ट से मुख्यमंत्री गहलोत को समन जारी हो सकता है. इस मामले पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

गौर है कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 900 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप है. जिसमें हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई लगभग डूब गई है. मुख्यमंत्री स्वयं ही केद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले का आरोप मढ़ रहे हैं. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि इसके लिए यदि उन्हें जेल जाना पड़ा तो वो जाने के लिए तैयार हैंं.

21 मार्च को रजिस्टर्ड हुई याचिका
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका 21 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट में पंजीकृत हुई है. बता दें कि यह याचिका विविध आपराधिक याचिका के तहत दायर की गई है. जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका कर्ता को अंतरिम राहत मिलती है. जिस पर सुनवाई की तारीख आज यानी शुक्रवार को तय हो सकती है.

क्यों हुई याचिका जरूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार आरोप लगा रहे हैं कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला में एसओजी की जांच में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आरोपी अभियुक्त है. यानी एसओजी अगर अगली चार्जशीट कोर्ट में फाइल करती है तो उसमें शेखावत का नाम आने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है. या पुलिस उससे पहले ही उनकी (शेखावत) गिरफ्तारी का प्रयास कर सकती है. जिससे बचने के लिए ही उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पढ़ें संजीवनी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जेल जाने को तैयार हूं : गहलोत

शेखावत के रिश्तेदार भी अंतरिम राहत पर
बता दें कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कुछ समय पहले ही जोधपुर से चार्टर्ड अकाउंटेंट जेठमल डाकलिया, भाई गौतम चंद ओर उनके बेटे दिनेश डाकलिया को हिरासत में लिया था. तत्पश्चात उनके रिश्तेदार और गजेंद्र सिंह शेखावत के साले अशोक राठौड़ समेत आठ लोगों ने हाईकोर्ट में विविध आपराधिक याचिकाएं लगाकर अंतरिम राहत मांगी थी. जिसके तहत उन्हें कोर्ट से राहत मिली है. इन्हीं कारणों से उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है.

शेखावत पर संकट क्यों
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ही केंद्रीय मंत्री शेखावत पर लगातार हमला कर रहे हैं. उन पर अभियुक्त होने का आरोप भी लगा रहे हैं. उसके बाद ही मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके खिलाफ दिल्ली में मानहानि का दावा भी दायर किया है. जिस मुकदमें में अब मुख्यमंत्री गहलोत को समन जारी होने वाला है. ऐसे में मंत्री शेखावत को आशंका है कि गहलोत की एसओजी शांत नही बैठेगी. उनका अगला टारगेट मंत्री शेखावत हो सकते हैं.

Last Updated : Mar 24, 2023, 2:22 PM IST
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