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Special: कोरोना उपचार में कारगर साबित हो रही है होम्योपैथी, आयुष मंत्रालय भी लगा चुका है विश्वसनीयता पर मुहर

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Published : Sep 29, 2020, 3:16 PM IST

आयुष मंत्रालय ने कोरोना ट्रीटमेंट को लेकर होम्योपैथी को भी मान्यता दी है. इसको लेकर जोधपुर में सकरात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. लोग कोरोना के इलाज के लिए ऐलोपैथी के साथ होम्योपैथी का सहारा ले रहे हैं. वहीं डॉक्टर का मानना है कि कोरोना के इलाज में होम्योपैथी कारगर साबित हो रही है. पढ़िए ये स्पेशल खबर...

होम्यपैथी से कोरोना ट्रीटमेंट, Jodhpur news
जोधपुर में कोरोना इलाज के लिए होम्योपैथी की ओर रुझान

जोधपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. वहीं जोधपुर में भी कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बिना लक्षण वाले मरीजों के कारण पैदा हो रहा है. ऐसे में लोग कोरोना ट्रीटमेंट के लिए होम्योपैथी की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं इसके जोधपुर में सकरात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.

जोधपुर में कोरोना इलाज के लिए होम्योपैथी की ओर रुझान

वर्तमान में जोधपुर में कोरोना के कुल 19 हजार 510 मरीज हैं. जिले में करीब 7 हजार कोरोना के एक्टिव केस हैं. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन किया है.

जोधपुर में होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के इलाज में ऐलोपैथी की दवाई भी कारगर हो रही है. एक ओर कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है. ऐसे में अस्पतालों में डॉक्टरों को दिखाने से लेकर भर्ती होने में लोगों को परेशानी हो रही है. इस कारण लोग वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में होम्योपैथी का सहारा ले रहे हैं क्योंकि इस पद्धति में बीमारी होने से पहले रोकने के लिए भी विकल्प मौजूद हैं.

होम्योपैथी दवाई से कोरोना का इलाज

स्थानीय निवासी सुनीता देवड़ा बताती है कि उनके परिवार में दो लोगों को कोरोना हुआ. जिसके बाद उन्होंने होम्योपैथी ट्रीटमेंट का सहारा लिया. इसके अलावा कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने खुद होम्योपैथी दवाइयां ली. सुनीता बताती हैं कि उन्होंने पॉजिटिव मरीजों की देखभाल की, लेकिन वे कोरोना से बची रही हैं.

यह भी पढ़ें. Special: बदल रही सीकर की तस्वीर, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान से सुधरा लिंगानुपात, 848 से 960 पर पहुंचा

इसी तरह से हेमराज मरेठा का कहना है कि उनके भाई कोरोना पॉजिटिव हुए थे. जिनका उपचार होम्योपैथी से किया गया. अब वे पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए और वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

डॉक्टर का दावा होम्योपैथी दवाई कोरोना के लिए कारगर

जोधपुर के वरिष्ठ होम्योपैथी डॉ. महेंद्र पटवा का कहना है कि वे लगातार छह महीने से मरीजों को कोरोना के प्रति रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई दे रहे हैं. डॉक्टर के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है. चूंकि कोरोना मरीजों के ज्यादातर लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते-जुलते हैं. इसलिए स्वाइन फ्लू में काम में ली गई दवाई कोरोना मरीजों को दी जा रही है. वहीं ये दवाई फेफड़ों के संक्रमण में कारगर भी हो रही है. इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में होम्योपैथी की दवाई फायदेमंद साबित हो रही है.

यह भी पढ़ें. Special: कोरोना ने लगाई भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के पहिए पर रोक

इसके अलावा डॉक्टर पटवा पॉजिटिव मरीजों का भी उपचार कर रहे हैं. डॉक्टर का कहना है कि होम्योपैथी से बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हुए हैं. वर्तमान में 25 से 30 पॉजिटिव मरीज जो होम क्वाॉरेंटाइन में हैं, उनका उपचार डॉक्टर पटवा कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में भी कोरोना का उपचार है लेकिन उससे भी आगे बढ़ कर कोरोना से बचाव का भी कारगर उपचार है. जिससे इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जाता है.

सरकार से होम्योपैथी को बढ़ावा देने की मांग

डॉ. पटवा के मुताबिक होम्योपैथी के ट्रिटमेंट को भी आयुष मंत्रालय ने मान्यता दी है लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकारों को इसके बढ़ावा देना चाहिए. जिससे माइल्ड पेशेंट को फायदा हो क्योंकि यह बहुत किफायती विकल्प भी है. इसके अलावा इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.

जोधपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. वहीं जोधपुर में भी कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बिना लक्षण वाले मरीजों के कारण पैदा हो रहा है. ऐसे में लोग कोरोना ट्रीटमेंट के लिए होम्योपैथी की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं इसके जोधपुर में सकरात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.

जोधपुर में कोरोना इलाज के लिए होम्योपैथी की ओर रुझान

वर्तमान में जोधपुर में कोरोना के कुल 19 हजार 510 मरीज हैं. जिले में करीब 7 हजार कोरोना के एक्टिव केस हैं. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन किया है.

जोधपुर में होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के इलाज में ऐलोपैथी की दवाई भी कारगर हो रही है. एक ओर कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है. ऐसे में अस्पतालों में डॉक्टरों को दिखाने से लेकर भर्ती होने में लोगों को परेशानी हो रही है. इस कारण लोग वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में होम्योपैथी का सहारा ले रहे हैं क्योंकि इस पद्धति में बीमारी होने से पहले रोकने के लिए भी विकल्प मौजूद हैं.

होम्योपैथी दवाई से कोरोना का इलाज

स्थानीय निवासी सुनीता देवड़ा बताती है कि उनके परिवार में दो लोगों को कोरोना हुआ. जिसके बाद उन्होंने होम्योपैथी ट्रीटमेंट का सहारा लिया. इसके अलावा कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने खुद होम्योपैथी दवाइयां ली. सुनीता बताती हैं कि उन्होंने पॉजिटिव मरीजों की देखभाल की, लेकिन वे कोरोना से बची रही हैं.

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इसी तरह से हेमराज मरेठा का कहना है कि उनके भाई कोरोना पॉजिटिव हुए थे. जिनका उपचार होम्योपैथी से किया गया. अब वे पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए और वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

डॉक्टर का दावा होम्योपैथी दवाई कोरोना के लिए कारगर

जोधपुर के वरिष्ठ होम्योपैथी डॉ. महेंद्र पटवा का कहना है कि वे लगातार छह महीने से मरीजों को कोरोना के प्रति रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई दे रहे हैं. डॉक्टर के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है. चूंकि कोरोना मरीजों के ज्यादातर लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते-जुलते हैं. इसलिए स्वाइन फ्लू में काम में ली गई दवाई कोरोना मरीजों को दी जा रही है. वहीं ये दवाई फेफड़ों के संक्रमण में कारगर भी हो रही है. इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में होम्योपैथी की दवाई फायदेमंद साबित हो रही है.

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इसके अलावा डॉक्टर पटवा पॉजिटिव मरीजों का भी उपचार कर रहे हैं. डॉक्टर का कहना है कि होम्योपैथी से बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हुए हैं. वर्तमान में 25 से 30 पॉजिटिव मरीज जो होम क्वाॉरेंटाइन में हैं, उनका उपचार डॉक्टर पटवा कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में भी कोरोना का उपचार है लेकिन उससे भी आगे बढ़ कर कोरोना से बचाव का भी कारगर उपचार है. जिससे इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जाता है.

सरकार से होम्योपैथी को बढ़ावा देने की मांग

डॉ. पटवा के मुताबिक होम्योपैथी के ट्रिटमेंट को भी आयुष मंत्रालय ने मान्यता दी है लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकारों को इसके बढ़ावा देना चाहिए. जिससे माइल्ड पेशेंट को फायदा हो क्योंकि यह बहुत किफायती विकल्प भी है. इसके अलावा इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.

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