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ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल : बसें अटकी, यात्री परेशान, ट्रकों के पहिए रुकने से महंगी हुईं सब्जियां

Hit and Run Law, नए सड़क कानूनों के विरोध में देश भर में निजी और सरकारी वाहन चालक हड़ताल पर हैं, जिसका असर जोधपुर में भी दिखा. यहां सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं.

transport strike
वाहन चालकों की हड़ताल से सब्जियां हुई महंगी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2024, 1:00 PM IST

वाहन चालकों की हड़ताल से सब्जियां हुई महंगी

जोधपुर. केंद्र सरकार की ओर से लागू हिट एंड रन केस के नए कानून लाए गए हैं, जिनमें वाहन चालकों के लिए कड़े मसौदे सामने आए हैं. इनके विरोध में देश भर में निजी और सरकारी वाहन चालक, जिनमें बसें, ट्रक, ट्रांसपोर्ट सभी तरह के व्हिकल चालकों ने हड़ताल कर दी. लिहाजा, देश में ट्रांसपोर्ट की इस अघोषित हड़ताल का असर जोधपुर में भी दिखने लगा. जोधपुर से जयपुर के लिए रोडवेज बसों का संचालन बीच रास्ते में ही अटक गया. मंगलवार सुबह जोधपुर से रवाना हुई बसें ब्यावर तक ही गई. इधर, ट्रकों के पहिए भी थमने से सब्जी मंडी में आवक कम हुई जिससे सब्जियों के भाव भी बढ़ गए.

आलम यह है कि होलसेल मंडी में ही टमाटर, गोभी, आलू के दाम बीस से पच्चीस फीसदी तक बढ़ गए हैं. मंडी के व्यापारियों का कहना है कि जोधपुर में ज्यादातर सब्जियां बाहर से आती हैं. दो दिन में इक्का-दुक्का ट्रक ही यहां आकर पहुंचे हैं. इससे आवक कम होती जा रही है. इसका नुकसान जनता को ही उठाना पड़ेगा, क्योंकि कम आवक में भाव बढ़ना लाजमी है.

शहर की भदवासियां मंडी के व्यापारियों ने बताया कि टमाटर के 20 किलो के कैरेट के भाव में डेढ़ सौ रुपए बढ़ गए हैं. इसी तरह से अन्य सब्जियां भी महंगी हो रही है. दो दिनों में टमाटर 60 रुपए, मटर 50 रुपए किलो पहुंच गया है, जबकि पहले 40 और तीस रुपए प्रति किलो बिक रहे थे.

रोडवेज बस स्टेंड पर बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन बसों के चालक यात्रियों को सही डेस्टिनेशन की जानकारी नहीं दे पा रहे. यात्रियों से चालकों को कहते सुना गया कि बस लेकर तो जा रहे हैं, लेकिन कहां तक जाएंगे इसकी गारंटी नहीं है. इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. उनको लगता है कि अगर बीच रास्ते में ही अटक गए तो आगे क्या होगा? जबकि वे पूरा किराया भी दे रहे हैं. वोल्वो के चालक भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जोधपुर से रवाना होकर जयपुर पहुचंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है.

इसे भी पढ़ें : हिट एंड रन कानून के खिलाफ रोडवेज व निजी वाहन चालकों ने किया 'चक्का जाम', यात्री परेशान

यह है वजह : नए कानून के मुताबिक सड़क दुर्घटना की स्थिति में ड्राइवर को पुलिस को सूचना देनी होगी. इसके अलावा दस साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है. वहीं, ट्रासंपोटर्स का कहना है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर के साथ मारपीट होती है, जिससे वह वाहन छोड़ कर भागते हैं. ऐसा नहीं करने पर उसकी खुद की जान पर बन आ जाती है, जबकि सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए था जिससे चालक भाग कर पुलिस संरक्षण में जाए और उसकी सुरक्षा हो. जुर्माने का प्रावधान भी हटाना होगा. सब्जी व्यापारी ओमप्रकाश देवड़ा का कहना है कि जब तक चालकों की सुरक्षा के प्रावधान नहीं होंगे तब तक यह समस्या समाप्त नहीं होगी.

वाहन चालकों की हड़ताल से सब्जियां हुई महंगी

जोधपुर. केंद्र सरकार की ओर से लागू हिट एंड रन केस के नए कानून लाए गए हैं, जिनमें वाहन चालकों के लिए कड़े मसौदे सामने आए हैं. इनके विरोध में देश भर में निजी और सरकारी वाहन चालक, जिनमें बसें, ट्रक, ट्रांसपोर्ट सभी तरह के व्हिकल चालकों ने हड़ताल कर दी. लिहाजा, देश में ट्रांसपोर्ट की इस अघोषित हड़ताल का असर जोधपुर में भी दिखने लगा. जोधपुर से जयपुर के लिए रोडवेज बसों का संचालन बीच रास्ते में ही अटक गया. मंगलवार सुबह जोधपुर से रवाना हुई बसें ब्यावर तक ही गई. इधर, ट्रकों के पहिए भी थमने से सब्जी मंडी में आवक कम हुई जिससे सब्जियों के भाव भी बढ़ गए.

आलम यह है कि होलसेल मंडी में ही टमाटर, गोभी, आलू के दाम बीस से पच्चीस फीसदी तक बढ़ गए हैं. मंडी के व्यापारियों का कहना है कि जोधपुर में ज्यादातर सब्जियां बाहर से आती हैं. दो दिन में इक्का-दुक्का ट्रक ही यहां आकर पहुंचे हैं. इससे आवक कम होती जा रही है. इसका नुकसान जनता को ही उठाना पड़ेगा, क्योंकि कम आवक में भाव बढ़ना लाजमी है.

शहर की भदवासियां मंडी के व्यापारियों ने बताया कि टमाटर के 20 किलो के कैरेट के भाव में डेढ़ सौ रुपए बढ़ गए हैं. इसी तरह से अन्य सब्जियां भी महंगी हो रही है. दो दिनों में टमाटर 60 रुपए, मटर 50 रुपए किलो पहुंच गया है, जबकि पहले 40 और तीस रुपए प्रति किलो बिक रहे थे.

रोडवेज बस स्टेंड पर बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन बसों के चालक यात्रियों को सही डेस्टिनेशन की जानकारी नहीं दे पा रहे. यात्रियों से चालकों को कहते सुना गया कि बस लेकर तो जा रहे हैं, लेकिन कहां तक जाएंगे इसकी गारंटी नहीं है. इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. उनको लगता है कि अगर बीच रास्ते में ही अटक गए तो आगे क्या होगा? जबकि वे पूरा किराया भी दे रहे हैं. वोल्वो के चालक भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जोधपुर से रवाना होकर जयपुर पहुचंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है.

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यह है वजह : नए कानून के मुताबिक सड़क दुर्घटना की स्थिति में ड्राइवर को पुलिस को सूचना देनी होगी. इसके अलावा दस साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है. वहीं, ट्रासंपोटर्स का कहना है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर के साथ मारपीट होती है, जिससे वह वाहन छोड़ कर भागते हैं. ऐसा नहीं करने पर उसकी खुद की जान पर बन आ जाती है, जबकि सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए था जिससे चालक भाग कर पुलिस संरक्षण में जाए और उसकी सुरक्षा हो. जुर्माने का प्रावधान भी हटाना होगा. सब्जी व्यापारी ओमप्रकाश देवड़ा का कहना है कि जब तक चालकों की सुरक्षा के प्रावधान नहीं होंगे तब तक यह समस्या समाप्त नहीं होगी.

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