जोधपुर. जिला महानगर न्यायक्षेत्र और उच्च न्यायालय में साल 2019 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस राष्ट्रीय लोक अदालत महानगर न्यायक्षेत्र में कुल 33 बेंचों का गठन किया गया. इनमें विभिन्न न्यायालयों के कुल 9 हजार 902 लंबित मुकदमे राजीनामा योग्य होने से रखे गए और मुकदमा पूर्व स्तर (प्री-लिटिगेशन) के कुल 7 हजार 756 प्रकरण रखे गए थे.
बता दें कि महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत की ओर से कुल 1 हजार 856 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया और 18,93,52,591/- रूपये अवार्ड राशि पारित की गई. इन विचाराधीन प्रकरणों में से 10 साल से पुराने 43 प्रकरण और 5 से 10 साल के भीतर के 174 प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से राजीनामे से निस्तारण किया गया.
वहीं, पारिवारिक न्यायालय की लोकअदालत में ममता और राजेश के बीच विवाह विच्छेद का मामला 2018 जून से चल रहा था. शनिवार को लोक अदालत में दोनों के बीच राजीनामा हुआ तो एक दूसरे को माला पहनाई. ममता अभी बीए कर रही है और राजेश अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है.
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इसी तरह से राजस्थान उच्च न्यायालय के नए भवन में पहली लोक अदालत का न्यायाधीश संगीतराज लोढ़ा ने दीप प्रज्जवलन कर किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में उच्च न्यायालय के माननीय पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और पीके लोरा की अध्यक्षता में दो बेंचों का गठन किया गया. इन बेंचों की विभिन्न प्रकृति के कुल 69 प्रकरणों का निस्तारण कर 1,11,52,000 रूपयों के अवार्ड पारित किए गए. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में राज्यभर से काफी संख्या में पक्षकारान और अधिवक्ता उपस्थित रहे.
श्रीगंगानगर में भी आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत
श्रीगंगानगर में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर, जिला सेशन न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा के निर्देशानुसार श्रीगंगानगर न्याय क्षेत्र में 14 दिसंबर 2019 शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. उक्त लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु समस्त जिले के लिए कुल 19 बेंच का गठन किया गया. प्रत्येक बेंच में एक न्यायिक अधिकारी और एक सदस्य शामिल रहे.
पीएनबी बैंक के एजीएम जेएस जोशन ने बताया कि लोक अदालत में 816 मामले लाये गए है जो लंबे समय से बकाया थे. किसानों की आर्थिक समस्या को देखते हुए लोक अदालत में एसे मामले लाये गए हैं. एजीएम ने बताया की छोटे, मंझले और मुद्रा लोन के साथ ज्यादातर ऐसे मामले किसानों से जुड़ी हैं. जिसमें ग्रामीण और तहसील बैंको की ब्रांच में किसानों की ओर से फसल नहीं होने के कारण काफी समय से भुगतान नहीं किया जा रहा था. ऐसे मामलों को आपसी सहमती और कम लेवल पर बैंक की ओर से निपटाने का प्रयास किया जा रहा है. एजीएम ने बताया कि ऐसे मामलों को आरबीआई की नियमावली के तहत निस्तारण किया जा रहा है.
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुषमा पारीक ने बताया कि उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में दांडिक शमनिय अपराध, चेक अनादरन के मामले, बैंक ऋण संबंधी मामले, मोटरयान दुर्घटना संबंधी मामले, विवाहित मामले, श्रम विभाग, भूमि अधिग्रहण, बिजली पानी के सम्मानीय मामलों के अतिरिक्त अन्य सिविल मामलों में राजीनामा योग्य मामलों को लोक अदालत की भावना से पक्षकारों के मध्य जरिए राजीनामा निस्तारण का प्रयास किया गया. उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित कुल 1103 प्रकरणों को निस्तारित किया जाकर कुल 99714535 रुपए का अवार्ड पारित किया गया. इसी प्रकार बैंक लोन और बीएसएनएल के कुल 84 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे से किया गया.