जोधपुर. जिले के एम्स में क्रीमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर के 2 रोगियों की मौत ने एम्स प्रबंधन की नींद उड़ा दी है. मरने वाले रोगियों के उपचार से एक डॉक्टर और नर्सिंग ऑफिसर में भी कांगो फीवर के लक्षणों की पुष्टि एम्स के अधीक्षक डॉ अरविंद सिंहा ने की है.
एम्स अधीक्षक डॉ सिन्हा के मुताबिक दोनों चिकित्साकर्मियों में लक्षण पाए गए हैं और इनका उपचार किया जा रहा है. लेकिन एम्स में ऐसे संक्रामक रोगों के उपचार के लिए अभी आइसोलेशन वार्ड नहीं है. उन्होंने बताया कि ऐसे में डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी को अलग कमरे में रख कर उपचार किया जा रहा है. इस घटना के बाद से एम्स के चिकित्सा कर्मी भी सकते में हैं, इसके लिए प्रबंधन ने बुधवार से स्वास्थ्य जांच भी शुरू कर दी है.
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जोधपुर संभाग के सयुंक्त निदेशक डॉ यदुवीर सिंह का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में सघन सर्वे का काम चल रहा है. जो मरीज सामने आए हैं उस क्षेत्र के 200 घरों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इधर जोधपुर जिले और जैसलमेर जिले में सीसीएचएफ के आउटब्रेक होने से दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट लेना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से राष्ट्रीय संक्रामक रोग अनुसंधान केंद्र की टीम भी जोधपुर पहुंच गई है. इस टीम ने जयपुर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर प्रभावी नियंत्रण के उपाय शुरू कर दिए हैं.
गौरतलब है कि जोधपुर में करीब 15 दिन पहले पहला कांगो फीवर का रोगी सामने आया था. उसका उपचार अहमदाबाद में हुआ और अब वह स्वस्थ होकर वापस आ गया है. लेकिन विभाग की अभी उसके निवास क्षेत्र में कार्यवाही जारी है.