जोधपुर. जिले के जय नारायण व्यास विवि के राजस्थानी विभाग में चल रहे सात दिवसीय राजस्थानी भाषा साहित्य एवं लोक सांस्कृतिक सप्ताह के तहत बुधवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मायड़ भाषा में अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. धनंजय रावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने अत्यंत उत्साह पूर्वक भाग लिया और प्रतियोगियों ने प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा के महत्व को अलग-अलग रूप में व्यक्त किया.
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साथ ही मातृभाषा के विषय पर राजस्थान की मारवाड़ी भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किए. राजस्थानी भाषा के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया कि मातृभाषा और व्यक्ति का संबंध आत्मा और शरीर के समान है.
मातृभाषा से प्राप्त संस्कारों से ही महान व्यक्ति पैदा होते हैं और बिना मायड़ भाषा को जाने किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है. घर में बोली जाने वाली भाषा और औपचारिक शिक्षा प्राप्ति की भाषा में यदि अंतर है तो व्यक्ति के विचार प्रभावित होते हैं. वहीं, कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग लोगों की ओर से मायड़ भाषा के संबंध में विचार विमर्श किए गए.