ETV Bharat / state

जोधपुर: JNVU में मायड़ भाषा को लेकर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता, मारवाड़ी भाषा को लेकर किया विचार-विमर्श

जय नरायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग में चल रहे सात दिवसीय राजस्थानी भाषा साहित्य एवं लोक सांस्कृतिक सप्ताह के तहत बुधवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

मायड़ भाषा को लेकर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता, Speech competition organized on Mayad language
मायड़ भाषा में प्रतियोगिता
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 6:26 AM IST

जोधपुर. जिले के जय नारायण व्यास विवि के राजस्थानी विभाग में चल रहे सात दिवसीय राजस्थानी भाषा साहित्य एवं लोक सांस्कृतिक सप्ताह के तहत बुधवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

मायड़ भाषा को लेकर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता

भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मायड़ भाषा में अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. धनंजय रावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने अत्यंत उत्साह पूर्वक भाग लिया और प्रतियोगियों ने प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा के महत्व को अलग-अलग रूप में व्यक्त किया.

पढ़ें- मंत्री के दखल के बाद ब्रह्मपुरी थाने में FIR दर्ज, कमिश्नर ने SHO को किया सस्पेंड

साथ ही मातृभाषा के विषय पर राजस्थान की मारवाड़ी भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किए. राजस्थानी भाषा के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया कि मातृभाषा और व्यक्ति का संबंध आत्मा और शरीर के समान है.

मातृभाषा से प्राप्त संस्कारों से ही महान व्यक्ति पैदा होते हैं और बिना मायड़ भाषा को जाने किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है. घर में बोली जाने वाली भाषा और औपचारिक शिक्षा प्राप्ति की भाषा में यदि अंतर है तो व्यक्ति के विचार प्रभावित होते हैं. वहीं, कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग लोगों की ओर से मायड़ भाषा के संबंध में विचार विमर्श किए गए.

जोधपुर. जिले के जय नारायण व्यास विवि के राजस्थानी विभाग में चल रहे सात दिवसीय राजस्थानी भाषा साहित्य एवं लोक सांस्कृतिक सप्ताह के तहत बुधवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

मायड़ भाषा को लेकर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता

भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मायड़ भाषा में अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. धनंजय रावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने अत्यंत उत्साह पूर्वक भाग लिया और प्रतियोगियों ने प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा के महत्व को अलग-अलग रूप में व्यक्त किया.

पढ़ें- मंत्री के दखल के बाद ब्रह्मपुरी थाने में FIR दर्ज, कमिश्नर ने SHO को किया सस्पेंड

साथ ही मातृभाषा के विषय पर राजस्थान की मारवाड़ी भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किए. राजस्थानी भाषा के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया कि मातृभाषा और व्यक्ति का संबंध आत्मा और शरीर के समान है.

मातृभाषा से प्राप्त संस्कारों से ही महान व्यक्ति पैदा होते हैं और बिना मायड़ भाषा को जाने किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है. घर में बोली जाने वाली भाषा और औपचारिक शिक्षा प्राप्ति की भाषा में यदि अंतर है तो व्यक्ति के विचार प्रभावित होते हैं. वहीं, कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग लोगों की ओर से मायड़ भाषा के संबंध में विचार विमर्श किए गए.

Intro:अश्वनी पारीक सर द्वारा यह खबर भेजने के लिए कहा गया है। शादी समारोह में होने के चलते विओ नही किया है, खबर में वॉइस ओवर डेस्क से करवा लेवे।

जोधपुर
जोधपुर के जय नारायण व्यास विवि के राजस्थानी विभाग में चल रहे सात दिवसीय राजस्थानी भाषा साहित्य एवं लोक सांस्कृतिक सप्ताह के तहत बुधवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मायड़ भाषा में अपने अपने विचार रखें विभाग अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ धनंजय रावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतियोगी ने अत्यंत उत्साह पूर्वक भाग लिया ओर प्रतियोगियों ने प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा के महत्व को अलग-अलग रूप में व्यक्त किया साथ ही मातृभाषा के विषय पर राजस्थान की मारवाड़ी भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किए।

Body:राजस्थानी भाषा के विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया कि मातृभाषा और व्यक्ति का संबंध आत्मा और शरीर के समान है मातृभाषा से प्राप्त संस्कारों के द्वारा ही महान व्यक्ति पैदा होते हैं और बिना मायड़ भाषा को जाने किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है घर में बोली जाने वाली भाषा और औपचारिक शिक्षा प्राप्ति की भाषा में यदि अंतर है तो व्यक्ति के विचार प्रभावित होते हैं । कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग लोगों द्वारा मायड़ भाषा के संबंध में विचार विमर्श किए गए।

स्पीच डॉ राजेन्द्र सिंह बाहरठ प्रो राजस्थानी विभाग जेएनवीयू Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.