जोधपुर. शनि जयंती एवं सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमवार को शहर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए. इस दौरान शनि मंदिरों में तेलाभिषेक का सिंगार किया गया. वहीं जिले की गौशालाओं में लोगों ने दान दिया.
विद्वानों के अनुसार शनि जयंती एवं सोमवती अमावस्या एक ही दिन वर्षों बाद आई है. शनि जयंती के चलते सुबह से शनि मंदिरों में तेल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ हो गई. रात को काल रात्रि आरती का आयोजन हुआ. शहर के मुख्य शनिश्चरजी का स्थान मंदिर में शनि को प्रसन्न करने और राष्ट्र सुरक्षा के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें जोधपुरवासियों ने उत्साह से भाग लिया. वहीं मंगलवार को शनि जयंती के उपलक्ष्य में शहर के जूना खेड़ापति मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रात को भजन संध्या का आयोजित किया जाएगा. वहीं सोमवती अमावस्या के चलते पितृ पूजन कार्यक्रम हुए.
बता दें कि शनि जयंती ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष में अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इसी दिन शनि देव का प्राकट्य माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन शनि की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. वहीं सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. सोमवार के दिन पड़न वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या मानी जाती है. इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं. सोमवार का दिन होने के चलते लोग भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. माना जाता है कि इस दिन शिव की पूजा करने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है.