जोधपुर. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में प्रत्याशी चयन को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है. प्रदेश की कई प्रमुख सीटों पर उम्मीदवारों को फाइनल करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में लगातार बैठकों का सिलसिला चल रहा है. इस बीच जोधपुर के एक मशहूर कॉमेडियन व सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पंकज शर्मा ने सरदापुरा सीट से सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. सोशल मीडिया पर पपिया और पेप्स के नाम से मशहूर पंकज शर्मा ने भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश करते हुए शहर में जगह-जगह बैनर होर्डिंग लगवाया है. जिसको लेकर वो सुर्खियां में हैं.
पंकज शर्मा का कहना है कि राजनीति उनके जैसे युवाओं के लिए है, क्योंकि वो बतौर कॉमेडियन लोगों के बीच जाते हैं. लोगों को मुस्कुराने का मौका देते हैं, ताकि वो अपने गमों को भूलकर कुछ देर ही सही हंस और मुस्कुरा सके. वहीं, जहां तक बात नेताओं की है तो वो केवल वोट लेने के लिए जनता के बीच जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही एकदम से गायब हो जाते हैं. आगे उन्होंने दावा किया कि भाजपा के लिए वो अकेले ऐसे प्रत्याशी हो सकते हैं, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके गढ़ में हरा सकते हैं.
इसे भी पढ़ें - PM Attack On Gehlot Government : गहलोत सरकार पर पीएम मोदी के तीखे प्रहार, कन्हैयालाल हत्याकांड पर उठाए सवाल, कही ये बड़ी बात
पंकज ने कहा कि युवाओं को सब पता चल गया है कि राजनीति में कैसे मूर्ख बनाया जाता है, इसलिए वे परिवर्तन चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वो शुरू से ही भाजपा से जुड़े हैं इसलिए भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर टिकट नहीं मिला तो वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
पंकज के हैं लाखों फैन फॉलोअर्स - 28 साल के पंकज के सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्मों पर लाखों की तादाद में फैन फॉलोअर्स हैं. सबसे खास बात यह है कि पंकज सिर्फ और सिर्फ मारवाड़ी में ही कॉमेडी करते हैं. ऐसे में उन्हें भरोसा है कि उनके चाहने वाले उन्हें चुनाव में मतदान करेंगे और वो सीएम गहलोत को चुनाव हरा देंगे. पंकज का कहना है कि हर बार सरदारपुरा से अलग-अलग चेहरे आ रहे हैं, लेकिन कोई चुनाव जीत नहीं सका है. अगर उन्हें भाजपा टिकट देगी तो वो निश्चित ही चुनाव जीत कर दिखाएंगे. इधर, शहर में होर्डिंग लगने के बाद से ही पंकज काफी चर्चा में हैं.
सरदारपुर से पांच बार विधायक बने गहलोत - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1999 के बाद से ही लगातार सरदारपुर से चुनाव जीतते आ रहे हैं. उन्होंने सरदारपुर से पहला चुनाव आपातकाल के बाद लड़ा था, जिसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था. उसके बाद वो सांसद बने. वहीं, 1998 में सीएम बनने के बाद सरदारपुर से कांग्रेस विधायक मानसिंह देवड़ा ने उनके लिए सीट छोड़ दी थी और तभी से वो लगातार यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.