जोधपुर. छठें राज्य वित्त आयोग ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में शहरी स्थानीय निकायों के साथ बैठक करते हुए कई (State Finance Commission Meeting in Jodhpur) मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही सुझाव लिए. ज्यादातर नगरीय निकायों के अध्यक्षों ने अपने अधिकारों में वृद्धि की मांग रखी. जिससे वे अपने संस्थानों को आर्थिक रूप से सक्षम बना सकें. आयोग के सदस्यों ने भी सभी को खुद राजस्व अर्जित करने पर ध्यान देने की जरूरत बताई.
आयोग के सदस्य अशोक लाहोटी ने कहा कि सरकार हर वर्ष 4500 करोड़ रुपए का अनुदान वित्त आयोग के माध्यम से निकायों को देती है. आयोग प्राप्त सुझावों को सरकार को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन में शामिल करेगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिकाएं अपने आय को बढ़ाने का प्रयास करें. अशोक लाहोटी ने कहा कि बैठक में नगर निगमों, नगर परिषदों व नगरपालिकाओं से अच्छे सुझाव आए हैं.
उन्होंने कहा कि कमीशन की ओर से विश्वास दिलाता हूं कि उन सुझावों पर सकारात्मक रूख रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी अपने आय के स्रोत ढूंढें व उनसे राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें. बैठक में महापौर -उत्तर कुन्ती देवड़ा, महापौर -दक्षिण वनिता सेठ ने सुझावों के साथ साथ नगर निगमों की ओर से करवाए जा रहे कार्यो व नवाचारों के बारे में व आय के स्रोत बढ़ाने के बारे में बताया.
कचरा सोना है आय में लाभदायकः बैठक के दौरान आयोग के सदस्यों ने कहा कि कचरा सोना है, उससे आय बढ़ाएं. इसके वैकल्पिक उपयोग पर ध्यान दें. जिससे आपको राजस्व मिलेगा. साथ ही पार्किंग क्षेत्र, फायर अनुमति, यू डी टैक्स वसूली से राजस्व बढ़ाएं. लाहोटी ने कहा कि नगर निगमों को इलेक्ट्रिक सेस व पीएचईडी सेस की राशि मिलनी चाहिए. इसके लिए सभी स्तर पर लिखें व मुहिम चलाएं. साथ ही कहा कि सरकारी भवनों से बकाया यू डी टैक्स वसूली के लिए महापौर मुहिम चलाएं, हॉस्टल व कोचिंग सेन्टर जगह-जगह खुल रहे हैं, गजट नोटिफिकेशन द्वारा फीस वसूली कराकर आय बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर पूरा ध्यान दें व स्वच्छता को पर्यटन से जोड़ कर देखें.