जोधपुर. राजस्थान की 16वीं विधानसभा चुनाव में सबसे कम उम्र के विधायक रविंद्र सिंह भाटी शिव सीट से जीतकर आए हैं. बुधवार को भाटी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा वे शिव की जनता के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है. वो भी हमेशा से वैचारिक रूप से भाजपा से जुड़े रहे और आगे भी जुड़े रहेंगे.
संघर्ष से ही सफलता की राह खुलेगी : रविंद्र सिंह भाटी का कहना है कि छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति का सफर बहुत परिवर्तनशील है. 30 हजार छात्रों से 3 लाख मतदाताओं की अपेक्षा पर खरा उतरना चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम बाहुल्य शिव सीट पर ध्रुवीकरण होता है, लेकिन इस बार निर्दलीय को सभी लोगों ने वोट दिए हैं. इसमें मुस्लिम भी बहुत ज्यादा हैं. ऐसे में लोगों के प्रति मेरी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, जिनको पूरा करना है. शिव के लिए प्लान भी बनाया है, जिससे क्षेत्र में पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना है. नए छात्र नेताओं के लिए भाटी ने कहा कि "ईमानदारी से काम करो कुदरत साथ देगी. संघर्ष से ही सफलता की राह खुलेगी."
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धन्यवाद यात्रा निकालेंगे : रविंद्र सिंह भाटी ने बताया कि आने वाले दिनों में अपने विधानसभा क्षेत्र शिव में एक बार फिर पदयात्रा पर निकल रहे हैं. इस बार वे धन्यवाद यात्रा के रूप में पद यात्रा करेंगे. इस यात्रा के जरिए भाटी हर गांव तक जाएंगे और जनता को धन्यवाद देंगे. साथ ही मूलभूत सुविधाओं का डेटा भी जुटाएंगे. लोगों से उनकी परेशानियां जानेंगे, जिनके निस्तारण का प्लान तैयार करेंगे.
जेएनवीयू के छठे नेता सक्रिय राजनीति में : जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ की राजनीति करते हुए विधानसभा या लोकसभा पहुंचने वाले छठे छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी हैं. उनसे पहले पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी यहीं से राजनीति शुरू की थी, लेकिन वे हार गए थे. उनके बाद हरीश चौधरी, बाबूसिंह राठौड़, जालमसिंह रावलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत जो छात्र नेता बने उसके बाद सक्रिय राजनीति में आगे आए हैं. बुधवार को भाटी अपने कर्मस्थली जेएनवीयू पहुंचे, जहां उन्होंने शिक्षकों और प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की. शिक्षकों ने उनका अभिवादन किया, तिलक लगाकर और माला पहनाकर उनका स्वागत किया.