जोधपुर. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की स्मृति जोधपुर वासियों के जहन में चीर स्थाई बनाने के लिए भीतरी शहर में रामद्वार बनाया जा रहा है. 15 फीट लंबे और 17 फीट चौड़े इस रामद्वार का निर्माण वार्ड 35 स्थित दो मंदिरों के बीच स्थित चौक में हो रहा है. 22 जनवरी को राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले इसका शुभारंभ करने का प्रयास है. पार्षद मनीष लोढ़ा के अनुसार इस द्वार को भव्य स्वरूप देने के लिए जोधपुरी पत्थर से इसका निर्माण हो रहा है. इस द्वार का निर्माण जनसहयोग से किया जा रहा है. द्वार के लिए नींव की खुदाई हो चुकी है. एक सप्ताह में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
जोधपुरी पत्थर पर नजर आएगी नक्काशी : भव्य रामद्वार में जोधपुरी सैंड स्टोन काम में लिया जाएगा. द्वार के पिलर और आर्च पर नक्काशी उकेरी जाएगी. भीतरी शहर की तंग गलियों से होकर निकलने वाली हैरिटेज सड़क से जुड़े कटला बाजार के चौक पर बन रहा द्वार पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. इसके अलावा इस क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों के लिए जाने का रास्ता यही है, ऐसे में यह द्वार आस्था से भी जुड़ेगा. क्षेत्र की विकास समितियों और मोहल्ला वासियों ने इसके लिए सहयोग दिया है.
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जोधपुर के राममंदिर के साथ संयोग : अयोध्या स्थिति राम मंदिर का जोधपुर से संबंध गहरा हो रहा है. 22 जनवरी को वहां होने वाली आरती के लिए जोधपुर के आश्रम से कपिला गायों का 600 किलो घी बैलगाड़ी से भेजा गया है. इसके अलावा मंदिर की सजावट के लिए तीन टन गुलाब और गेंदे फूल भेजे जा रहे हैं. इसी राम मंदिर के लिए जोधपुर जिले के दो रामभक्त प्रो महेंद्र नाथ अरोड़ा और सेठाराम परिहार कार सेवा के दौरान शहीद भी हुए थे.