भोपालगढ़ (जोधपुर). राजस्थान में आगामी पंचायती राज चुनाव तीन चरणों में होंगे. ऐसे में प्रदेश की सबसे बड़ी 3 ग्राम पंचायतों में शामिल जोधपुर जिले के भोपालगढ़ उपखंड मुख्यालय पर स्थित ग्राम पंचायत भोपालगढ़ है. भोपालगढ का पुराना नाम भड़लू था. जो इस गांव के बीचों बीच मे बरगद पेड़ के होने से पड़ा था. बाद में राजा भोपाल सिंह के नाम से भोपालगढ़ नाम हुआ.
पिछले 5 साल के सरपंच के कार्यकाल में सरपंच पति विभिन्न प्रकार के विकास के कार्य को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गांव में मनरेगा के तहत कार्य, श्मशान भूमि, चारागाह भूमि, गांव की गलियों में विकास के लिए कार्य करवाएं.
वहीं विभिन्न ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 साल में विकास के कार्य भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में नहीं हुए हैं. इस दौरान कई ग्रामीणों ने बताया कि भोपालगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे के नाम पर मुंह मांगी रकम भी ली जा रही थी. कई ग्रामीण गरीब बार-बार अपने पट्टे के बारे में ग्राम पंचायत घुमते रहें लेकिन आखिर 5 साल के बाद भी उन्हें अपना पट्टा नहीं मिल सका.
वहीं पिछले 8 महीने से भोपालगढ़ बिजली घर सहायक अभियंता कार्यालय के सामने गंदा पानी भरा है. यहां आने वाले हर रोज 500 से ज्यादा उपभोक्ताओं व पीछे रहने वाले ढाणियों के ग्रामीणों को कीचड़ में से भारी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है. कई बार ग्रामीण नीचे भी गिरते हैं. लेकिन ग्राम पंचायत में कोई सख्त कदम नहीं उठाया.
सफाई के नाम पर भोपालगढ़ ग्राम पंचायत पूर्ण रूप से विफलता की कगार पर देखी जा सकती है. भोपालगढ़ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर परसराम मदेरणा एसपीएम राजकीय महाविद्यालय है. इसके साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र भी है. इतना बड़ा भोपालगढ़ ग्राम पंचायत होने के बाद भी अभी भी विकास की राह देख रहा है.
भोपालगढ़ का नाम वैसे तो पूरे देश व राजस्थान प्रदेश में अपने आप एक अहमियत रखता है. देश की लोकसभा में भोपालगढ़ ग्राम पंचायत के बेटे पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने पाली लोकसभा से नेतृत्व किया है. वहीं राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी किसान नेता स्वर्गीय परसराम मदेरणा भी भोपालगढ़ विधानसभा से ही प्रतिनिधित्व करते हुए आए हैं.