ETV Bharat / state

Rajasthan Highcourt Order: नाथद्वारा के जल निकायों के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त, 30 दिन में रिपोर्ट मांगी

राजसमंद के नाथद्वारा के जलनिकायों पर अतिक्रमण मामले में कोर्ट ने नाराजगी (water bodies of Nathdwara) जताई है. हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जलनिकायों का निरीक्षण कर 30 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.

नाथद्वारा के जल निकायों पर अतिक्रमण मामला
नाथद्वारा के जल निकायों पर अतिक्रमण मामला
author img

By

Published : Feb 3, 2023, 10:25 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राजसमंद के नाथद्वारा में जलनिकायों एवं जलाशयों पर अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका में कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने के साथ ही 30 दिन में निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है. न्यायाधीश संदीप मेहता एवं डॉ न्यायाधीश नुपूर भाटी की खंडपीठ में याचिकाकर्ता हरीश पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता प्रतिष्ठा दवे ने नवीनतम रंगीन फोटोग्राफस पेश किए हैं जिनमें सागर तालाब पर कुछ अतिक्रमण भी दिखाई दिया.

तहसीलदार नाथद्वारा की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल ने शपथपत्र पेश किया है. तहसीलदार के अनुसार जलनिकायों को जोड़ने वाले जलाशयों पर बडे़ पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है. संबंधित अधिकारियों ने आज तक अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्य नहीं किया है. यहां तक व्यास की बावड़ी तो अतिक्रमण की वजह से पूरी तरह से बदल गई है. अधिकारियों की लापरवाही पीडीपीपी एक्ट के तहत अपराध है.

पढ़ें. Rajasthan High Court: सीएस शपथ पत्र पेश कर बताएं सफाई, अतिक्रमण, यातायात और पार्किंग सुधार के लिए क्या किया ?

नगर पालिका नाथद्वारा, जल संसाधन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं. वहां पर धड़ल्ले से अतिक्रमण होते रहे लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठ रहे. कोर्ट के समक्ष ऐसी स्थिति प्रकट होने पर और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बीएस संधू की ओर से गंभीरता दिखाने पर कोर्ट ने भी इसे मामले को गंभीर मानते हुए वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करने के लिए तत्काल अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित को कोर्ट कमिश्रर नियुक्त किया.

कोर्ट ने अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित का जल निकायों एवं जलाशयों का निरीक्षण कर 30 दिन में बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर राजसमंद, बंदोबस्त विभाग के अधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निर्देश दिए कि वे कोर्ट कमिश्नर को उचित सहायता प्रदान करें. कोर्ट ने जलनिकायों, जलाशयों और जलमग्न क्षेत्रों में किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति देने पर भी रोक लगा दी है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राजसमंद के नाथद्वारा में जलनिकायों एवं जलाशयों पर अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका में कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने के साथ ही 30 दिन में निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है. न्यायाधीश संदीप मेहता एवं डॉ न्यायाधीश नुपूर भाटी की खंडपीठ में याचिकाकर्ता हरीश पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता प्रतिष्ठा दवे ने नवीनतम रंगीन फोटोग्राफस पेश किए हैं जिनमें सागर तालाब पर कुछ अतिक्रमण भी दिखाई दिया.

तहसीलदार नाथद्वारा की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल ने शपथपत्र पेश किया है. तहसीलदार के अनुसार जलनिकायों को जोड़ने वाले जलाशयों पर बडे़ पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है. संबंधित अधिकारियों ने आज तक अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्य नहीं किया है. यहां तक व्यास की बावड़ी तो अतिक्रमण की वजह से पूरी तरह से बदल गई है. अधिकारियों की लापरवाही पीडीपीपी एक्ट के तहत अपराध है.

पढ़ें. Rajasthan High Court: सीएस शपथ पत्र पेश कर बताएं सफाई, अतिक्रमण, यातायात और पार्किंग सुधार के लिए क्या किया ?

नगर पालिका नाथद्वारा, जल संसाधन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं. वहां पर धड़ल्ले से अतिक्रमण होते रहे लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठ रहे. कोर्ट के समक्ष ऐसी स्थिति प्रकट होने पर और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बीएस संधू की ओर से गंभीरता दिखाने पर कोर्ट ने भी इसे मामले को गंभीर मानते हुए वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करने के लिए तत्काल अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित को कोर्ट कमिश्रर नियुक्त किया.

कोर्ट ने अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित का जल निकायों एवं जलाशयों का निरीक्षण कर 30 दिन में बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर राजसमंद, बंदोबस्त विभाग के अधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निर्देश दिए कि वे कोर्ट कमिश्नर को उचित सहायता प्रदान करें. कोर्ट ने जलनिकायों, जलाशयों और जलमग्न क्षेत्रों में किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति देने पर भी रोक लगा दी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.