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ननिहाल पक्ष से भी मिल सकता है टीएसपी का लाभ, नियुक्ति में नहीं मानी जाए बाधा

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Published : Nov 14, 2019, 7:50 PM IST

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को याचिकाकर्ता पूजा रैदास की याचिका पर यह निर्णय पारित किया है कि कोई भी व्यक्ति जो टीएसपी क्षेत्र का निवासी है वह अपने ननिहाल पक्ष से भी टीएसपी क्षेत्र का लाभ ले सकता है.

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जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह व्यवस्था दी है की कोई भी व्यक्ति जो टीएसपी क्षेत्र का निवासी है वह अपने ननिहाल पक्ष से भी टीएसपी क्षेत्र का लाभ ले सकता है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिकाकर्ता पूजा रैदास की याचिका पर यह निर्णय पारित किया है. याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुवे अधिवक्ता ऋतुराज सिंह ने न्यायालय को बताया की याचिकाकर्ता के पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी थे, लेकिन उनके देहांत के कारण याचिकाकर्ता का लालन पालन उसके ननिहाल प्रतापगढ़ टीएसपी क्षेत्र में ही हुआ था.

राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्णय किया पारित अब ननिहाल पक्ष से भी मिल सकता है टीएसपी का लाभ

इस अनुसार टीएसपी क्षेत्र की अधिसूचना के अनुरूप याचिकाकर्ता के ननिहाल पक्ष के परिजनों को ही उसके पूर्वज माना जाना चाहिए. इसीलिए याचिकाकर्ता ने अध्यापक श्रेणी द्वितीय भर्ती में टीएसपी क्षेत्र से आवेदन किया था एवं नवीनतम मूल निवास के लिए आवेदन भी किया. लेकिन पिता का मूल निवास मध्य प्रदेश का होने के कारण उसके आवेदन पर कोई करवाई नहीं की गई.

पढ़ें: सीकर के रींगस में भीषण सड़क हादसा, 8 लोगों की मौत, करीब 10 घायल

नियुक्ति की शर्त अनुसार बिना नवीनतम मूल निवास के याचिकाकर्ता को नियुक्ति से विभाग की ओर से वंचित रखा गया. जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. जिस पर न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए एसडीएम प्रतापगढ़ को 30 दिन के अंदर याचिकाकर्ता के टीएसपी मूल निवास आवेदन निस्तारित करने के और याचिकाकर्ता की अध्यापक श्रेणी द्वितीय की उम्मीदवारी रद्द नहीं करने के विभाग को आदेश दिए.

न्यायालय के आदेश की पालना में एसडीएम की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में टीएसपी मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने के बाद न्यायालय ने विभाग को यह आदेशित किया कि यदि याचिकाकर्ता मूल निवास के अलावा नियुक्ति की अन्य दूसरी शर्ते भी पूरी करती है तो उसे अध्यापक श्रेणी द्वितीय में नियुक्ति दी जाए और साथ ही अन्य सभी अनुमानित लाभ भी दिए जाए.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह व्यवस्था दी है की कोई भी व्यक्ति जो टीएसपी क्षेत्र का निवासी है वह अपने ननिहाल पक्ष से भी टीएसपी क्षेत्र का लाभ ले सकता है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिकाकर्ता पूजा रैदास की याचिका पर यह निर्णय पारित किया है. याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुवे अधिवक्ता ऋतुराज सिंह ने न्यायालय को बताया की याचिकाकर्ता के पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी थे, लेकिन उनके देहांत के कारण याचिकाकर्ता का लालन पालन उसके ननिहाल प्रतापगढ़ टीएसपी क्षेत्र में ही हुआ था.

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इस अनुसार टीएसपी क्षेत्र की अधिसूचना के अनुरूप याचिकाकर्ता के ननिहाल पक्ष के परिजनों को ही उसके पूर्वज माना जाना चाहिए. इसीलिए याचिकाकर्ता ने अध्यापक श्रेणी द्वितीय भर्ती में टीएसपी क्षेत्र से आवेदन किया था एवं नवीनतम मूल निवास के लिए आवेदन भी किया. लेकिन पिता का मूल निवास मध्य प्रदेश का होने के कारण उसके आवेदन पर कोई करवाई नहीं की गई.

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नियुक्ति की शर्त अनुसार बिना नवीनतम मूल निवास के याचिकाकर्ता को नियुक्ति से विभाग की ओर से वंचित रखा गया. जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. जिस पर न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए एसडीएम प्रतापगढ़ को 30 दिन के अंदर याचिकाकर्ता के टीएसपी मूल निवास आवेदन निस्तारित करने के और याचिकाकर्ता की अध्यापक श्रेणी द्वितीय की उम्मीदवारी रद्द नहीं करने के विभाग को आदेश दिए.

न्यायालय के आदेश की पालना में एसडीएम की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में टीएसपी मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने के बाद न्यायालय ने विभाग को यह आदेशित किया कि यदि याचिकाकर्ता मूल निवास के अलावा नियुक्ति की अन्य दूसरी शर्ते भी पूरी करती है तो उसे अध्यापक श्रेणी द्वितीय में नियुक्ति दी जाए और साथ ही अन्य सभी अनुमानित लाभ भी दिए जाए.

Intro:Body:ननिहाल पक्ष से भी मिल सकता है टीएसपी का लाभ, नियुक्ति में नहीं मानी जाए बाधा

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह व्यवस्था दी है की कोई भी व्यक्ति जो टीएसपी क्षेत्र का निवासी है वह अपने ननिहाल पक्ष से भी टीएसपी क्षेत्र का लाभ ले सकता है। न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिकाकर्ता पूजा रैदास याचिका पर यह निर्णय पारित किया। याचिकर्ता का पक्ष रखते हुवे अधिवक्ता ऋतुराज सिंह ने न्यायालय को बताया की याचिकाकर्ता के पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी थे, परन्तु उनके देहांत के कारण याचिकाकर्ता का लालन पालन उसके ननिहाल प्रतापगढ़ टीएसपी क्षेत्र में ही हुवा था। इस अनुसार टीएसपी क्षेत्र की अधिसूचना के अनुरूप याचिकाकर्ता के ननिहाल पक्ष के परिजनों को ही उसके पूर्वज माना जाना चाहिए। इसीलिए याचिकाकर्ता ने अध्यापक श्रेणी द्वितीय भर्ती में टीएसपी क्षेत्र से आवेदन किया था एवं नवीनतम मूल निवास के लिए आवेदन भी किया परन्तु पिता के मूल निवास मध्य प्रदेश का होने के कारण उससे आवेदन पर कोई करवाई नहीं की गई| नियुक्ति की शर्त अनुसार बिना नवीनतम मूल निवास के याचिकाकर्ता को नियुक्ति से विभाग द्वारा वंचित रखा गया जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़|
न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुवे एसडीम प्रतापगढ़ को 30 दिन के अंदर याचिकाकर्ता के टीएसपी मूल निवास आवेदन निस्तारित करने के एवं याचिकाकर्ता की अध्यापक श्रेणी द्वितीय की उम्मीदवारी रद्द नहीं करने के विभाग को आदेश दिए। न्यायालय के आदेश की पालना में एसडीएम द्वारा याचिकाकर्ता के पक्ष में टीएसपी मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने पश्चात न्यायालय ने विभाग को यह आदेशित किया की यदि याचिकाकर्ता मूल निवास के अलावा नियुक्ति की अन्य दूसरी शर्ते भी पूरी करती है तो उससे अध्यापक श्रेणी द्वितीय में नियुक्ति दी जावे एवं साथ ही साथ अन्य सभी अनुमानित लाभ भी दिए जावे।
बाईट 1 ऋतुराज सिंह, अधिवक्ताConclusion:
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