जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह व्यवस्था दी है की कोई भी व्यक्ति जो टीएसपी क्षेत्र का निवासी है वह अपने ननिहाल पक्ष से भी टीएसपी क्षेत्र का लाभ ले सकता है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिकाकर्ता पूजा रैदास की याचिका पर यह निर्णय पारित किया है. याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुवे अधिवक्ता ऋतुराज सिंह ने न्यायालय को बताया की याचिकाकर्ता के पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी थे, लेकिन उनके देहांत के कारण याचिकाकर्ता का लालन पालन उसके ननिहाल प्रतापगढ़ टीएसपी क्षेत्र में ही हुआ था.
इस अनुसार टीएसपी क्षेत्र की अधिसूचना के अनुरूप याचिकाकर्ता के ननिहाल पक्ष के परिजनों को ही उसके पूर्वज माना जाना चाहिए. इसीलिए याचिकाकर्ता ने अध्यापक श्रेणी द्वितीय भर्ती में टीएसपी क्षेत्र से आवेदन किया था एवं नवीनतम मूल निवास के लिए आवेदन भी किया. लेकिन पिता का मूल निवास मध्य प्रदेश का होने के कारण उसके आवेदन पर कोई करवाई नहीं की गई.
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नियुक्ति की शर्त अनुसार बिना नवीनतम मूल निवास के याचिकाकर्ता को नियुक्ति से विभाग की ओर से वंचित रखा गया. जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. जिस पर न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए एसडीएम प्रतापगढ़ को 30 दिन के अंदर याचिकाकर्ता के टीएसपी मूल निवास आवेदन निस्तारित करने के और याचिकाकर्ता की अध्यापक श्रेणी द्वितीय की उम्मीदवारी रद्द नहीं करने के विभाग को आदेश दिए.
न्यायालय के आदेश की पालना में एसडीएम की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में टीएसपी मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने के बाद न्यायालय ने विभाग को यह आदेशित किया कि यदि याचिकाकर्ता मूल निवास के अलावा नियुक्ति की अन्य दूसरी शर्ते भी पूरी करती है तो उसे अध्यापक श्रेणी द्वितीय में नियुक्ति दी जाए और साथ ही अन्य सभी अनुमानित लाभ भी दिए जाए.