जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय को याचिकाकर्ताओं को अगली सुनवाई (Regularization case of employees in JNVU) तक नियमितीकरण कर अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. अन्यथा रजिस्ट्रार को अगली सुनवाई पर हाजिर रहने का आदेश दिया है. जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत में मुकेश शर्मा व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिकाओं की सुनवाई के बाद यह आदेश (Rajasthan High Court order) पारित किया है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. निखिल डुगांवत ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रतिवादी जेएनवीयू की ओर से कर्मचारियों का नियमितिकरण नहीं किया गया जिसके खिलाफ एकलपीठ व खंडपीठ ने नियमितीकरण का आदेश पारित किया था. उसके बाद प्रतिवादी जेएनवीयू सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली है. उसके बावजूद आज तक नियमितीकरण नही किया गया है और अब अवमानना याचिकाए पेश की गई हैं.
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प्रतिवादी जेएनवीयू की ओर से अधिवक्ता दिपेश बेनीवाल ने कहा कि जेएनवीयू ने राज्य सरकार को सेवाएं नियमित करने एवं वित्तीय अनुदान के लिए पहले ही अनुरोध किया था लेकिन अभी तक सरकार के स्तर पर मामला अटका हुआ है. इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार व जेएनवीयू के बीच क्या हो रहा है इससे याचिकाकर्ताओं का लेना देना नहीं है. कोर्ट ने कहा कि 23 जनवरी 2023 तक कोर्ट के आदेश की अक्षरश: पालना की जाए और याचिकाकर्ताओं को नियमित करने के आदेश की पालना कर अनुपालना रिपोर्ट पेश करे. अन्यथा अगली सुनवाई पर रजिस्ट्रार जेएनवीयू व्यक्तिगत रूप से हाजिर हो.