जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश अपीलों को स्वीकार करते हुए स्टाम्प लॉ (मुद्रांक कानून) पर महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए कहा कि मोबाइल टॉवर लगाने के लिए एग्रीमेंट में लिखी पूरी लीज राशि पर स्टाम्प ड्यूटी देनी (Stamp duty on lease money by mobile tower company) होगी. इस फैसले से सरकार को बड़े राजस्व की प्राप्ति होगी.
वरिष्ठ न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ ने राज्य सरकार की 56 अपीलें स्वीकार करते एकलपीठ एवं टैक्स बोर्ड के आदेशों को अपास्त करते हुए मोबाइल टॉवर लगाने वाली कंपनी इंडस टॉवर लिमिटेड को विधि सम्मत स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने का उत्तरदायी ठहराया है. प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर इंडस टॉवर कंपनी के टॉवर लगे हुए हैं.
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सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एएजी संदीप शाह ने पक्ष रखते हुए कहा कि स्टाम्प ड्यूटी में छूट की अधिसूचना टॉवर कंपनी पर लागू नहीं होगी. टॉवर कंपनी इससे पहले तक राज्य सरकार की 5 मार्च, 2003 की अधिसूचना के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी कम चुकाने के अंकेक्षण आक्षेप से खुद का बचाव कर रही थी. हाईकोर्ट खंडपीठ ने अपीलों को स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि यह अधिसूचना कंपनी के पक्ष में लीज डीड पर लागू नहीं होती. कोर्ट ने स्टाम्प ड्यूटी के कम भुगतान की वसूली के लिए सक्षम प्राधिकारी को विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा है.