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राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना से मरने वाले लोगों को शहर से बाहर दफनाने की मांग को लेकर फिर जारी किया नोटिस - etv bharat news

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस से मौते के बाद शव को शहर से बाहर दफनाने का आदेश देने की मांग याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है.

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राजस्थान हाईकोर्ट शहर से बाहर शव दफनाने की मांग लेकर फिर जारी किया नोटिस
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Published : May 26, 2020, 7:11 PM IST

जोधपुर. कोरोना वायरस से मौत के बाद शव को शहर से बाहर दफनाने का आदेश देने की मांग को लेकर माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी की ओर से राजस्थान हाइकोर्ट मुख्यपीठ जोधपुर में याचिका दायर की गई है. हाइकोर्ट में माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन की ओर से अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा ने यह रिट याचिका दाखिल की है. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किये गये है. अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास को याचिका की प्रति देने के साथ आगामी सुनवाई पर जवाब मांगा गया है. एएजी मनीष व्यास ने नोटिस के जवाब के लिए समय की मांग की जिस पर कोर्ट ने जून महीने में जवाब पेश करने के लिए कहा है.

अधिवक्ता शेखर मेवाडा ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा हैं. इस कब्रिस्तान के चारों और हजारों की संख्या में घनी आबादी बसी हुई है. जिसमें सकीना कॉलोनी, जाकिर हुसैन कॉलोनी, हकीम कॉलोनी व अन्य सैकड़ों परिवार कब्रिस्तान के चारों और निवास करते हैं.

स्थानीय लोगों को संक्रमण का खतरा:

उन्होंने कहा कि जाकिर हुसैन कॉलोनी में निवास करने वाले परिवारों के घरों की खिड़की-दरवाजे तक कब्रिस्तान में खुले हुए हैं. किसी भी समय वहां जनाजा पहुंचने पर कब्र की खुदाई करने वाले, दफनाने का कार्य करने वाले, फकीरों के परिवार तो कब्रिस्तान के अंदर ही रहते हैं ऐसे में इन लोगों के संक्रमित होने की पूरी संभावना है. इसके अलावा सिवांची गेट कब्रिस्तान के रास्ते से प्रताप नगर आने जाने का आम रास्ता होने से लोगों का आवागमन भी लगा रहता है.

ये भी पढ़ें: सीएम आवास के बाहर व्यापारी ने किया आत्महत्या का प्रयास

शवों को शहर से बाहर दफनाया जाए:

सिवांची गेट कब्रिस्तान को मुसलमानों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर दफनाने के काम में लिया जाता है. सिवांची गेट कब्रिस्तान के चारों और घनी आबादी वाले कब्रिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित शवों को दफनाने से, चारों ओर बसी आबादी में से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो गया तो स्थिति भयानक और अनियंत्रित हो सकती है. इसलिए जोधपुर में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को सिवांची गेट कब्रिस्तान के जगह जोधपुर से दूर जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं रहती है वहां दफनाने के निर्देश जारी करवाकर कब्रिस्तान के आस-पास रहने वालों लोगों को सुरक्षा और राहत प्रदान कराई जाए.

जोधपुर. कोरोना वायरस से मौत के बाद शव को शहर से बाहर दफनाने का आदेश देने की मांग को लेकर माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी की ओर से राजस्थान हाइकोर्ट मुख्यपीठ जोधपुर में याचिका दायर की गई है. हाइकोर्ट में माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन की ओर से अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा ने यह रिट याचिका दाखिल की है. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किये गये है. अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास को याचिका की प्रति देने के साथ आगामी सुनवाई पर जवाब मांगा गया है. एएजी मनीष व्यास ने नोटिस के जवाब के लिए समय की मांग की जिस पर कोर्ट ने जून महीने में जवाब पेश करने के लिए कहा है.

अधिवक्ता शेखर मेवाडा ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा हैं. इस कब्रिस्तान के चारों और हजारों की संख्या में घनी आबादी बसी हुई है. जिसमें सकीना कॉलोनी, जाकिर हुसैन कॉलोनी, हकीम कॉलोनी व अन्य सैकड़ों परिवार कब्रिस्तान के चारों और निवास करते हैं.

स्थानीय लोगों को संक्रमण का खतरा:

उन्होंने कहा कि जाकिर हुसैन कॉलोनी में निवास करने वाले परिवारों के घरों की खिड़की-दरवाजे तक कब्रिस्तान में खुले हुए हैं. किसी भी समय वहां जनाजा पहुंचने पर कब्र की खुदाई करने वाले, दफनाने का कार्य करने वाले, फकीरों के परिवार तो कब्रिस्तान के अंदर ही रहते हैं ऐसे में इन लोगों के संक्रमित होने की पूरी संभावना है. इसके अलावा सिवांची गेट कब्रिस्तान के रास्ते से प्रताप नगर आने जाने का आम रास्ता होने से लोगों का आवागमन भी लगा रहता है.

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शवों को शहर से बाहर दफनाया जाए:

सिवांची गेट कब्रिस्तान को मुसलमानों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर दफनाने के काम में लिया जाता है. सिवांची गेट कब्रिस्तान के चारों और घनी आबादी वाले कब्रिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित शवों को दफनाने से, चारों ओर बसी आबादी में से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो गया तो स्थिति भयानक और अनियंत्रित हो सकती है. इसलिए जोधपुर में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को सिवांची गेट कब्रिस्तान के जगह जोधपुर से दूर जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं रहती है वहां दफनाने के निर्देश जारी करवाकर कब्रिस्तान के आस-पास रहने वालों लोगों को सुरक्षा और राहत प्रदान कराई जाए.

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