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Rajasthan High Court : आसाराम ने पेश की पैरोल याचिका, कोर्ट ने जिला पैरोल कमेटी के समक्ष नए सिरे से आवेदन के दिए निर्देश

आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में पेश की गई पैरोल याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला पैरोल कमेटी को आवेदन पर पुराने नियमों से सुनने के निर्देश के साथ याचिका निस्तारित कर दी है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 10, 2023, 10:48 PM IST

जोधपुर. यौन उत्पीड़न में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से कई बार जमानत का प्रयास करने पर जब राहत नहीं मिली तो अब उसने अपना रास्ता बदल दिया है. आसाराम की ओर से अब राजस्थान हाईकोर्ट में पैरोल याचिका पेश की गई है, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने जिला पैरोल कमेटी को आसाराम के आवेदन पर पुराने नियमों से सुनने के निर्देश के साथ याचिका निस्तारित कर दी. जस्टिस विजय विश्नोई और जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से अधिवक्ता कालुराम भाटी और उनके सहयोगी ललित किशोर सैन पर पैरोल याचिका पेश की.

पैरोल आवेदन खारिज : याचिका में कोर्ट को बताया कि आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. नियमानुसार आसाराम की ओर से 20 दिन की पैरोल के लिए जिला पैरोल कमेटी के समक्ष आवेदन किया गया. जोधपुर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पैरोल कमेटी ने 20 जून 2023 को पैरोल देने से इनकार करते हुए आसाराम के पैरोल आवेदन को खारिज कर दिया. आसाराम के अधिवक्ता ने बताया कि आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा के आदेश हुए थे.

पढ़ें. Asaram Gets Bail: आसाराम की जमानत अर्जी मंजूर, लेकिन नहीं होगी जेल से रिहाई

पुराने नियमों से निस्तारित नहीं किया : आसाराम के मामले में पैरोल कमेटी ने पैरोल के नए नियम जो कि 30 जून 2021 में पैरोल नियम 2021 के अनुसार आवेदन खारिज किया है, जबकि राजस्थान कैदियों को पैरोल पर रिहाई नियमों के प्रावधान 1958 के अनुसार आसाराम के आवेदन पर सुनवाई करनी थी. नए नियम आसाराम के पैरोल आवेदन पर लागू नहीं होते हैं. आसाराम के अधिवक्ता भाटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिला पैरोल कमेटी ने आसाराम के आवेदन को पुराने नियमों से निस्तारित करना था जो कि नहीं किया गया.

नए सिरे से सुनवाई करे : सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरोल का विरोध जताया. कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि आसाराम के पैरोल आवेदन पर जिला पैरोल कमेटी नए सिरे से सुनवाई करे. आसाराम की ओर से पैरोल आवेदन पेश करने पर छह सप्ताह में पुराने पैरोल नियमों से सुनवाई की जाए न कि नए पैरोल नियमों से इसके साथ ही याचिका भी निस्तारित कर दी.

जोधपुर. यौन उत्पीड़न में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से कई बार जमानत का प्रयास करने पर जब राहत नहीं मिली तो अब उसने अपना रास्ता बदल दिया है. आसाराम की ओर से अब राजस्थान हाईकोर्ट में पैरोल याचिका पेश की गई है, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने जिला पैरोल कमेटी को आसाराम के आवेदन पर पुराने नियमों से सुनने के निर्देश के साथ याचिका निस्तारित कर दी. जस्टिस विजय विश्नोई और जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से अधिवक्ता कालुराम भाटी और उनके सहयोगी ललित किशोर सैन पर पैरोल याचिका पेश की.

पैरोल आवेदन खारिज : याचिका में कोर्ट को बताया कि आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. नियमानुसार आसाराम की ओर से 20 दिन की पैरोल के लिए जिला पैरोल कमेटी के समक्ष आवेदन किया गया. जोधपुर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पैरोल कमेटी ने 20 जून 2023 को पैरोल देने से इनकार करते हुए आसाराम के पैरोल आवेदन को खारिज कर दिया. आसाराम के अधिवक्ता ने बताया कि आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा के आदेश हुए थे.

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पुराने नियमों से निस्तारित नहीं किया : आसाराम के मामले में पैरोल कमेटी ने पैरोल के नए नियम जो कि 30 जून 2021 में पैरोल नियम 2021 के अनुसार आवेदन खारिज किया है, जबकि राजस्थान कैदियों को पैरोल पर रिहाई नियमों के प्रावधान 1958 के अनुसार आसाराम के आवेदन पर सुनवाई करनी थी. नए नियम आसाराम के पैरोल आवेदन पर लागू नहीं होते हैं. आसाराम के अधिवक्ता भाटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिला पैरोल कमेटी ने आसाराम के आवेदन को पुराने नियमों से निस्तारित करना था जो कि नहीं किया गया.

नए सिरे से सुनवाई करे : सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरोल का विरोध जताया. कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि आसाराम के पैरोल आवेदन पर जिला पैरोल कमेटी नए सिरे से सुनवाई करे. आसाराम की ओर से पैरोल आवेदन पेश करने पर छह सप्ताह में पुराने पैरोल नियमों से सुनवाई की जाए न कि नए पैरोल नियमों से इसके साथ ही याचिका भी निस्तारित कर दी.

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