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Rajasthan Assembly Election 2023 : दिव्या को इस बार भी बिना मांगे मिलेगा टिकट, मदेरणा की विरासत पर भरोसा - परसराम रहे हैं अनुशासित सिपाही

Maderna Family in Rajasthan, दिव्या को 'मदेरणा' की विरासत पर भरोसा है कि उन्हें इस बार के चुनाव में भी बिना मांगे टिकट मिलेगा. दिव्या मदेरणा ने जिलाध्यक्ष द्वारा तैयार की गई दावेदारों की सूची का खंडन किया है. यहां जानिए पूरा मामला...

Osia MLA Divya Maderna
परिवार के साथ दिव्या मदेरणा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 21, 2023, 4:07 PM IST

जोधपुर. दिग्गज कांग्रेस नेता रहे स्व. परसराम मदेरणा की विरासत यह है कि मदेरणा परिवार को बिन मांगे कांग्रेस चुनाव में प्रत्याशी बनाती है. दिव्या मदेरणा की मानें तो उन्हें और उनके परिवार को कांग्रेस में बिना मांगे टिकट मिलता है. खुद दिव्या मदेरणा ने भी कभी टिकट के लिए दावेदारी नहीं की है. इस बार भी टिकट के लिए संगठन में दावेदारी नहीं की है. हाल ही में जोधपुर ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हीराराम मेघवाल द्वारा दावेदारों की बनाई की सूची वायरल हुई तो दिव्या मदेरणा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसका खंडन करते हुए लिखा कि मैंने टिकट के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं दिया है.

दरअसल, कांग्रेस गत दिनों प्रदेश भर में ब्लॉक व जिला स्तर पर विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद जोधपुर ग्रामीण जिला संगठन ने हर सीट के लिए आवेदकों की सूची तैयार कर आगे भेजी थी. इसमें ओसियां सीट के आवेदन की सूची में सबसे पहले दिव्या मदेरणा का नाम है. इस सूची के आधार पर खबरें भी बनीं, लेकिन दिव्या मदेरणा ने इसका खंडन किया और सोशल मीडिया में लिखा कि 16वीं विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. मैंने और मेरे परिवार ने आज तक कभी भी और कहीं पर भी किसी भी टिकट के लिए आवेदन नहीं किया.

  • जी हाँ , मैं इस सूची का भी खंडन करती हू क्योंकि मैने कही पर भी टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। https://t.co/uWNCxex8zE

    — Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परसराम रहे हैं अनुशासित सिपाही : परसराम मदेरणा मारवाड़ में कांग्रेस के दिग्गज किसान नेता रहे हैं. उन्होंने कभी भी किसी भी परिस्थिति में कांग्रेस के आलाकमान के फैसलों की अवज्ञा नहीं की. यही कारण है कि कांग्रेस में परसराम मदेरणा का नाम सम्मान से लिया जाता रहा है. परसराम मदेरणा ने कांग्रेस से 10 चुनाव लड़े थे. उनके बाद उनके बेटे महिपाल मदेरणा को टिकट दिया गया. उसके बाद बहू लीला मदेरणा को प्रत्याशी बनाया था. गत चुनाव में पौत्री दिव्या मदेरणा को प्रत्याशी बनाया गया. इसके अलावा लीला मदेरणा और दिव्या मदेरणा जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं. वर्तमान में लीला मदेरणा जोधपुर की जिला प्रमुख भी हैं.

पढे़ं : Bhairaram Seoul accused Divya Maderna ओसियां एसडीएम ने 48 बीएलओ हटाए, पूर्व संसदीय सचिव ने लगाया दिव्या मदेरणा पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप

दिव्या भी दादा के नक्शेकदम पर : दिव्या मदेरणा भी अपने दादा परसराम मदेरणा के नक्शे कदम पर कांग्रेस में आगे बढ़ रही हैं. हमेशा आलाकमान के साथ खड़ी नजर आती हैं. भले ही सीएम गहलोत के साथ मदेरणा परिवार के संबंध ज्यादा अच्छे नहीं रहे, लेकिन जब कांग्रेस की सरकार पर संकट आया तो वह सरकार के साथ रहीं. जब पिछले वर्ष 25 सितंबर को आलकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर विधायक दल की बैठक के लिए भेजा और गहलोत सरकार के मंत्रियों ने विरोध किया, उस समय भी दिव्या आलकमान के साथ रहीं. विरोध और बगावती तेवर दिखाने वालों के खिलाफ खड़ी नजर आईं.

जोधपुर. दिग्गज कांग्रेस नेता रहे स्व. परसराम मदेरणा की विरासत यह है कि मदेरणा परिवार को बिन मांगे कांग्रेस चुनाव में प्रत्याशी बनाती है. दिव्या मदेरणा की मानें तो उन्हें और उनके परिवार को कांग्रेस में बिना मांगे टिकट मिलता है. खुद दिव्या मदेरणा ने भी कभी टिकट के लिए दावेदारी नहीं की है. इस बार भी टिकट के लिए संगठन में दावेदारी नहीं की है. हाल ही में जोधपुर ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हीराराम मेघवाल द्वारा दावेदारों की बनाई की सूची वायरल हुई तो दिव्या मदेरणा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसका खंडन करते हुए लिखा कि मैंने टिकट के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं दिया है.

दरअसल, कांग्रेस गत दिनों प्रदेश भर में ब्लॉक व जिला स्तर पर विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद जोधपुर ग्रामीण जिला संगठन ने हर सीट के लिए आवेदकों की सूची तैयार कर आगे भेजी थी. इसमें ओसियां सीट के आवेदन की सूची में सबसे पहले दिव्या मदेरणा का नाम है. इस सूची के आधार पर खबरें भी बनीं, लेकिन दिव्या मदेरणा ने इसका खंडन किया और सोशल मीडिया में लिखा कि 16वीं विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. मैंने और मेरे परिवार ने आज तक कभी भी और कहीं पर भी किसी भी टिकट के लिए आवेदन नहीं किया.

  • जी हाँ , मैं इस सूची का भी खंडन करती हू क्योंकि मैने कही पर भी टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। https://t.co/uWNCxex8zE

    — Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परसराम रहे हैं अनुशासित सिपाही : परसराम मदेरणा मारवाड़ में कांग्रेस के दिग्गज किसान नेता रहे हैं. उन्होंने कभी भी किसी भी परिस्थिति में कांग्रेस के आलाकमान के फैसलों की अवज्ञा नहीं की. यही कारण है कि कांग्रेस में परसराम मदेरणा का नाम सम्मान से लिया जाता रहा है. परसराम मदेरणा ने कांग्रेस से 10 चुनाव लड़े थे. उनके बाद उनके बेटे महिपाल मदेरणा को टिकट दिया गया. उसके बाद बहू लीला मदेरणा को प्रत्याशी बनाया था. गत चुनाव में पौत्री दिव्या मदेरणा को प्रत्याशी बनाया गया. इसके अलावा लीला मदेरणा और दिव्या मदेरणा जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं. वर्तमान में लीला मदेरणा जोधपुर की जिला प्रमुख भी हैं.

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दिव्या भी दादा के नक्शेकदम पर : दिव्या मदेरणा भी अपने दादा परसराम मदेरणा के नक्शे कदम पर कांग्रेस में आगे बढ़ रही हैं. हमेशा आलाकमान के साथ खड़ी नजर आती हैं. भले ही सीएम गहलोत के साथ मदेरणा परिवार के संबंध ज्यादा अच्छे नहीं रहे, लेकिन जब कांग्रेस की सरकार पर संकट आया तो वह सरकार के साथ रहीं. जब पिछले वर्ष 25 सितंबर को आलकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर विधायक दल की बैठक के लिए भेजा और गहलोत सरकार के मंत्रियों ने विरोध किया, उस समय भी दिव्या आलकमान के साथ रहीं. विरोध और बगावती तेवर दिखाने वालों के खिलाफ खड़ी नजर आईं.

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