जोधपुर. मेहरानगढ़ दुर्ग की जनाना ड्योढी में शनिवार रात ग्रैमी पुरस्कार विजेता पं. विश्व मोहन भट्ट ने सूफी फेस्टिवल में अपना परफॉर्मेंस दिया. विश्व मोहन भट्ट ने जब अपनी मोहन वीणा के तार छेड़े तो वहां मौजूद देशी विदेशी सभी श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम में पंडित भट्ट के साथ सलील भट्ट ने मोहन वीणा और इलेक्ट्रिक गिटार पर जस्टिन एडम्स की जुगलबंदी ने देर रात तक लोगों को बैठे रहने पर मजबूर कर दिया.
यह मौका था मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से आयोजित सेक्रेड स्पिरिट सूफी फेस्टिवल 2023 का. जिसमें शनिवार रात को पंडित विश्व मोहन भट्ट और जस्टिन ऑस्टिन की जुगलबंदी के साथ-साथ स्टेज पर मांगणियार गायक पद्मश्री अनवर खान और गाजी खान बरना ने अपने सुर लगाए तो माहौल पूरा सूफियाना हो गया. मोहन वीणा और गिटार के सामंजस्य के साथ लंगा कलाकारों की गूंजती खड़ताल के साथ जब मारवाड़ी में धूंसो बाजे सा महाराज गजसिंह को.... और लोक देवता बाबा रामदेव का रुणिचे रा धणिया गायन किया तो तालियां गूंजने लगी.
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इससे पहले देर शाम को मेहरानगढ़ के सलीम कोर्ट में संगीत संगम में भारतीय वायलिन वादक संगीतकार कर्नाटक व पश्चिम संगीत के लिए जानी जाने वाली डॉक्टर ज्योत्सना श्रीकांत ने जीन पियरे के साथ जबरदस्त जुगलबंदी कर श्रोताओं का मन मोहा. कोरोना के 3 साल के अंतराल के बाद फिर शुरू हुए सूफी फेस्टिवल के इस 14 सत्र का समापन आज जसवंत थड़ा पर होगा.
फोर्ट के फेस्टिवल, उमड़ती है भीड़- मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट द्वारा वह फेस्टिवल का आयोजन हर वर्ष किया जाता है. इसमें राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल रिफ का आयोजन दिवाली के बाद होता है जबकि सूफी का आयोजन हर वर्ष फरवरी में किया जाता है. दोनों फेस्टिवल को चलते हुए 1 दशक से अधिक का समय हो गया है. कोरोना से पहले तक जमकर भीड़ उमड़ती थी. यह सिलसिला अब फिर वापस शुरू हो गया है. सूफी फेस्टिवल में भी देशभर से श्रोता इसमें शामिल होने के लिए यहां पहुंचे थे.