भोपालगढ़ (जोधपुर). नरपत राम टैक्सी चालक है. पिछले कई दिनों से घर पर है. क्योंकि उसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. डॉक्टरों ने नरपत राम को किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. नरपत का भाई किडनी डोनेट करने को तैयार भी हो गया है लेकिन नरपत की आर्थिक स्थिति इसके आड़े आ रही है. नरपत के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह अपनी किडनी ट्रांसप्लांट का खर्चा भी उठा सके. नरपत की आर्थिक स्थिति का जब लोगों को पता चला तो लोग मदद के लिए आगे आए.
सोशल मीडिया बना मददगार
नरपत राम की मदद के लिए शिक्षक गणपत मेघवाल ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाया. गणपत मेघवाल ने 'नरपतराम जाट सालवा कला हेल्प कोष' नाम से सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाया. जिसके माध्यम से उन्होंने 30 हजार रुपए की आर्थिक सहायता नरपत के इलाज के लिए जुटाई. वहीं सोमवार को एक दूसरे सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए 21 हजार रुपए कलेक्ट किए गए थे. सोशल मीडिया के माध्यम से जमा सहायता राशि नरपत राम को भामाशाहों ने सौंप दी है.
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भाईयों के सहारे चल रहा है घर
नरपत ने बताया कि उनके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. घर चलाने के लिए वह किराए की टैक्सी चलाता थे, लेकिन करीब 5 महीने पहले उन्हें सांस की तकलीफ होने पर एम्स में चिकित्सक को दिखाया, तो सामने आया कि उनकी दोनों किडनी खराब हैं. नरपत बताते हैं कि वे दो महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे. उसके बाद चिकित्सक ने सप्ताह में दो बार डायलिसिस करवाने या एक किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी. ऐसे में फिलहाल वे डायलिसिस के सहारे ही जीवित हैं.
नपतराम का एक साल का बेटा भी है. पिछले पांच माह से नरपत घर पर ही है. तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण काम-काज भी नहीं कर पा रहे हैं. भाईयों की मदद से ही उनके घर का चूल्हा इन दिनों जल रहा है.