जोधपुर. सरकारी स्कूलों में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं. जोधपुर केे भीतरी शहर स्थित एक स्कूल में एक माह पहले शुरू हुए भोजन की गुणवत्ता को लेकर अध्यापक लगातार आपत्ति जता रहे हैं. इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है. गुरुवार को खराब भोजन की शिकायत पर कई अभिभावक और क्षेत्रवासी स्कूल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया. लोगों का कहना था कि बच्चे लगातार घटिया खाने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. स्थानीय निवासी नरेश शर्मा ने बताया कि बच्चों से लगातार खराब खाने की शिकायत मिल रही थी, इसलिए हमने आज खाना रोक दिया है. इधर स्कूल की अध्यापिका का कहना है कि हम हमेशा रोटी-सब्जी की खराब गुणवत्ता को लेकर रिपोर्ट दे रहे हैं, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है. मिड-डे-मील का प्रबंधन डीईओ कार्यालय से होता है.
बच्चों को परोसा गया बदबूदार खाना : अभिभावकों का आरोप था कि खाने में बदबू आ रही थी, इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को खाना खिलाया. स्थानीय निवासी सत्यनारायण परिहार ने बताया कि हमें लगा कि यह खाना गायों के लिए आया है, लेकिन बाद में पता चला कि बच्चों को यही खाना खिलाया जाएगा, तो हमने आपत्ति की. सभी अध्यापिकाएं कह रहीं हैं कि हमें खाना वापस नहीं दे सकतीं. हमारी नौकरी का सवाल है. उन्होने कहा कि हम शिकायत कर रहे है.
स्कूल प्रबंधन ने की थी खराब खाने की शिकायत : जूनी मंडी क्षेत्र के सरकारी स्कूल में आ रहे मिड-डे मील को लेकर बच्चों की शिकायत से अभिभावक परेशान थे. गुरुवार को जब भोजन की सप्लाई आई तो क्षेत्रवासियों ने उसे रोक कर हंगामा शुरू कर दिया. इस पर स्कूल की प्रिंसिपल ने आकर उनको शांत कराने की कोशिश की. शिक्षिकाओं ने अभिभावकों को बताया कि खाने की गुणवत्ता को लेकर हम रोजाना शिकायत कर रहे हैं. रोटी खराब आ रही है, लेकिन हमारी मजबूरी है हमें बच्चों को खाना परोसना पड़ता है. दाल अच्छी है मैं खुद रोजना चखती हूं. खाने में बदबू नहीं है. रोटी की परेशानी है जिसकी जानकारी हम अधिकारियों को दे रहे हैं. भोजन की सप्लाई देने आए व्यक्ति का कहना था कि उसने सप्लायर को कॉल लगाया लेकिन बात नहीं कर रहा है. स्कूल की प्रिंसिपल लक्ष्मी चारण ने कहा कि हमने पूरे घटनाक्रम से जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत करा दिया है.