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जोधपुर: बालेसर में सिहांदा गांव की सरहद में मिले पैंथर के पद चिन्ह, वन विभाग की टीम कर रही तलाश - rajasthan news

जोधपुर के बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत चारणी भांडू और सिहांदा गांव की सरहद पर मेघवालों की ढाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न मिले हैं. वन विभाग की टीम इस पद को तलाशती रही, लेकिन उन्हें पैंथर नहीं मिला.

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जोधपुर के बालेसर की सिहांदा गांव में मिली पैंथर के पद चिन्ह
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Published : Feb 1, 2020, 2:24 PM IST

बालेसर (जोधपुर). जिले के बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत के चारणी भांडू और सिहांदा गांव की सरहद पर मेघवालों की ढ़ाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न मिले हैं. यह पदचिन्ह मिलने परवहां के ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है. वहीं ग्रामीणों ने तत्काल यह सूचना आई, वन विभाग को दी. जिसके बाद वन्य विभाग इस पद चिन्ह को तलाशती रही लेकिन उन्हें यह चिन्ह नहीं मिला.

जोधपुर के बालेसर की सिहांदा गांव में मिली पैंथर के पद चिन्ह

वहीं माचिया जैविक उद्यान के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौर ने बताया कि ग्राम पंचायत चारणी भांडू और सिहांदा की सरहद में मेघवालों की ढ़ाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न देखकर उपसरपंच जैकदान ने बालेसर वन विभाग कार्यालय में सूचना दी उसके बाद बालेसर और शेरगढ़ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मौके से पद चिह्नों के फोटो खींचकर जोधपुर में वन्यजीव चिकित्सक डा़. श्रवण सिंह राठौड़ को इसकी सूचना दी गई.

पढ़ें: जोधपुर: भोपालगढ़ में बिलाड़ा नगरपालिका बोर्ड की बैठक का आयोजन, आगामी वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव पारित

उसके बाद डॉ. श्रवण ने पिंजरा और पूरी टीम के साथ गन लेकर ट्रेंक्यूलाइजर करने पहुंचे. उन्होंने वहां पर एक जगह पिंजरा लगाया और शेरगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी मदन सिंह बोड़ा, वनरक्षक राजू सिंह, बंशीराम, सहायक वन रक्षक मालम सिंह चौहान, गणेशराम, कैलाशदान चारण सहित कई ग्रामीणों के साथ पैंथर को लगभग 10 किमी की दूरी तक तक सुबह से लेकर शाम तक ढूंढते रहे, लेकिन पैंथर नहीं मिला.

सर्दी के मौसम में आता है पैंथर, डॉ. राठौड़ ने बताया कि साल 2011 में इसी प्रकार से आबादी क्षेत्र में कलाऊ में भी आया था. जिसको पकड़ कर जोधपुर ले जाया गया था. जानकारी के मुताबिक अक्सर सर्दी के मौसम में पैंथर इधर-उधर घूमते हुए आ जाते है. एक दिन में लगभग 100 किमी की परिधि में घूम सकता हैं पैंथर. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले जोधपुर के पास विनायकिया गांव में भी आया था.

बालेसर (जोधपुर). जिले के बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत के चारणी भांडू और सिहांदा गांव की सरहद पर मेघवालों की ढ़ाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न मिले हैं. यह पदचिन्ह मिलने परवहां के ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है. वहीं ग्रामीणों ने तत्काल यह सूचना आई, वन विभाग को दी. जिसके बाद वन्य विभाग इस पद चिन्ह को तलाशती रही लेकिन उन्हें यह चिन्ह नहीं मिला.

जोधपुर के बालेसर की सिहांदा गांव में मिली पैंथर के पद चिन्ह

वहीं माचिया जैविक उद्यान के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौर ने बताया कि ग्राम पंचायत चारणी भांडू और सिहांदा की सरहद में मेघवालों की ढ़ाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न देखकर उपसरपंच जैकदान ने बालेसर वन विभाग कार्यालय में सूचना दी उसके बाद बालेसर और शेरगढ़ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मौके से पद चिह्नों के फोटो खींचकर जोधपुर में वन्यजीव चिकित्सक डा़. श्रवण सिंह राठौड़ को इसकी सूचना दी गई.

पढ़ें: जोधपुर: भोपालगढ़ में बिलाड़ा नगरपालिका बोर्ड की बैठक का आयोजन, आगामी वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव पारित

उसके बाद डॉ. श्रवण ने पिंजरा और पूरी टीम के साथ गन लेकर ट्रेंक्यूलाइजर करने पहुंचे. उन्होंने वहां पर एक जगह पिंजरा लगाया और शेरगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी मदन सिंह बोड़ा, वनरक्षक राजू सिंह, बंशीराम, सहायक वन रक्षक मालम सिंह चौहान, गणेशराम, कैलाशदान चारण सहित कई ग्रामीणों के साथ पैंथर को लगभग 10 किमी की दूरी तक तक सुबह से लेकर शाम तक ढूंढते रहे, लेकिन पैंथर नहीं मिला.

सर्दी के मौसम में आता है पैंथर, डॉ. राठौड़ ने बताया कि साल 2011 में इसी प्रकार से आबादी क्षेत्र में कलाऊ में भी आया था. जिसको पकड़ कर जोधपुर ले जाया गया था. जानकारी के मुताबिक अक्सर सर्दी के मौसम में पैंथर इधर-उधर घूमते हुए आ जाते है. एक दिन में लगभग 100 किमी की परिधि में घूम सकता हैं पैंथर. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले जोधपुर के पास विनायकिया गांव में भी आया था.

Intro:बालेसर(जोधपुर)- जोधपुर जिले के बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पचंायत चारणी भांडू व सिहांदा गांव की सरहद पर मेघवालों की ढाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न मिलने पर जोधपुर से आई वन विभाग की टीम उसको तलाशती रही, लेकिन पैंथर नहीं मिला। वहीं पैंथर को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।Body:वीओ------माचिया जैविक उद्यान के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डाॅ. श्रवणसिंह राठौड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत चारणी भांडू व सिहांदा की सरहद में मेघवालों की ढाणियों के पास पैंथर के पद चिह्न देखकर उपसरपंच जैकदान ने बालेसर वन विभाग कार्यालय में सूचना दी तो बालेसर व शेरगढ़ की वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची व मौके से पद चिह्नों के फोटो खींचकर जोधपुर में वन्यजीव चिकित्सक डाॅ. श्रवणसिंह राठौड़ को सूचना दी तो वे अपने साथ पिंजरा व पूरी टीम के साथ गन लेकर ट्रेंक्यूलाइजर करने पहुंचे। उन्होंने वहां पर एक जगह पिंजरा लगाया व शेरगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी मदनसिंह बोड़ा, वनरक्षक राजूसिंह, बंशीराम, सहायक वन रक्षक मालमसिंह चौहान, गणेशराम, कैलाशदान चारण सहित कई ग्रामीणों के साथ पैंथर को लगभग 10 किमी की परिधि में सुबह से लेकर शाम तक ढूंढते रहे, लेकिन पैंथर नहीं मिला। वहीं डाॅ. राठौड़ ने बताया कि पिंजरा लगाया हुआ हैं। जैसे ही पैंथर दिखेगा या तो पिंजरे में पकड़ा जाएगा या गन से ट्रेंक्यूलाइजर किया जाएगा। वहीं शाम तक पैंथर के नहीं मिलने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
सर्दी के मौसम में आता है पैंथर डाॅ. राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2011 में इसी प्रकार से आबादी क्षेत्र में कलाऊ में भी आया था। जिसको पकड़ कर जोधपुर ले जाया गया था। सर्दी के मौसम में अक्सर यह इधर-उधर घूमते हुए आ जाते है। एक दिन में लगभग 100 किमी की परिधि में घूम सकता हैं। अभी कुछ दिन पूर्व जोधपुर के पास विनायकिया गांव में भी आया था।
बाईट-----डा. श्रवणसिंह राठौङ वन्यजीव चिकित्सकConclusion:11
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