जोधपुर. पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदुओं (Pakistani Hindu migrants) को भारत की वीजा प्राप्त करने के लिए स्थानीय निवासी के गारंटर के रूप में सीआईडी में आवेदन करना होता है. स्थानीय स्तर पर होने वाली इस प्रक्रिया बनने वाले दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. इसको लेकर सीआईडी इंटेलीजेंस ( Action of CID Intelligence) ने उदयमंदिर थाने में पाक नागरिकों के स्थानीय गारंटरों और दस्तावेज बनाने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है.
पुलिस के अनुसार पाक नागरिक घमनलाल और उसके परिवार के आठ सदस्यों के भारत आने के लिए वीजा जारी करवाने के लिए सीआईडी इंटेलीजेंस में स्थानीय गारंटर महराज हरको ने आवेदन जमा करवाया था. इसी तरह से पाक नागरिक प्रीतम सहित दो जनों के लिए वीजा प्राप्त करने के लिए स्थानीय गारंटर नरसिंगराम की ओर से आवेदन जमा हुआ था.
इन आवेदनों में दस्तावेजों की सत्यता के लिए गौतमपुरी नामक व्यक्ति जो की तृतीय श्रेणी अध्यापक है. जिसके नाम से व्याख्याता की सील बनाकरअटेस्टेड कर सील और साइन किए गए. सीआईडी इंटेलीजेंस की जांच में यह फर्जी पाया गया. गौतमपुरी ने इस तरह के दस्तावेज सत्यापित करने से इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत (CM Gehlot) के गृह जिले जोधपुर में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित हिंदू (Pakistani displaced Hindus) परिवार रहते हैं.
पुलिस ने किया मामला दर्ज
इंटेलीजेंस के निरीक्षक मोहनदास ने स्थानीय गारंटरों को बुलाया. जिन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर में सोहेल रोहानी को अपने दस्तावेज तैयार करने के लिए रुपए दिए थे. उसने ही सभी दस्तावेज तैयार किए. बताया जा रहा है कि सोहेल पाक से आने वाले लोगों के वीजा के कागजात तैयार करता है. इसके चलते उसके पास सील थी. जिससे उसने दस्तावेज सत्यापित कर पेश कर दिए. सीआईडी ने पुलिस में आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली है.