जोधपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त और 26 जनवरी को जो साफा या पगड़ी पहनते हैं, वह चर्चा में होती है. बीते 8 सालों में उन्होंने हर बार अलग-अलग साफा को चुना है. इस बार 26 जनवरी को उन्होंने जो डिजाइनर साफा पहना, वह भी चर्चा में है. यह साफा राजस्थानी जोधपुरी टच लिए पचरंगी मोठडा साफा है. इस साफे के कपड़े पर पचरंगी लहरिया पर क्रॉस धारियों की डिजाइन होती है. इसके अलावा सिर पर एक सलवटों से एक पंख बनता है. जो पीछे का भाग लटकता है, उसे मोठडा कहते हैं.
जोधपुर में साफे के विशेषज्ञ महिपाल सिंह राठौड़ का कहना है कि यह साफा मुख्यत: गुजरात के कच्छ में भी चलता है. जोधपुरी टच के साथ बनने वाला साफा काफी आकर्षक होता है. राजस्थान में मोठडा साफा बंधेज के साथ चलता है. महिपाल सिंह राठौड़ पीएम मोदी के लिए 15 अगस्त और 26 जनवरी के विशेष आयोजन के लिए साफे बना चुके हैं. गत बार 26 जनवरी के लिए उन्होंने 8 साफे भेजे थे, जिनमें लहरिया बंधेज व पचरंगी साफे शामिल थे.
चूड़ीदार सलवार और बंद गले का कोट : इस बार पीएम मोदी ने अपनी पोशाक में चूड़ीदार पजामा-कुर्ता चुना. इसके अलावा उन्होंने बंद गले का कोट ऊपर पहना. बंद गले का कोट भी जोधपुर की पहचान है, जो जोधपुरी सूट में शामिल होता है. इन मौकों पर पहले कई बार मोदी जोधपुरी सूट पहन चुके हैं. 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथी थे, तब मोदी ने रंगीन राजस्थानी साफा पहना था.
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हर बार अलग-अलग साफा : मोदी हर बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दौरान अपने सिर पर अलग-अलग साफा या पगड़ी पहनते हैं. इनमें जरूरी नहीं कि वह गुजरात या राजस्थान का हो. वे कई अन्य प्रदेशों की पोशाक की अभिन्न अंग रही पगड़ी भी पहन चुके हैं. मोदी के हर पहवाने का अपना संदेश होता है, जो हर बार वे देते रहे हैं.