जोधपुर. राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत बोनस नहीं मिलने से जोधपुर नगर निगम के सफाई कर्मियों ने शनिवार सुबह काम छोड़ दिया और हड़ताल पर चले गए. कर्मचारियों की मांग थी कि उनके खातों में अभी तक बोनस की राशि नहीं आई है. ऐसे में वे त्यौहार कैसे मनाएंगे. जोधपुर नगर निगम में करीब 3000 सफाई कर्मी है.
उनके काम छोड़ने से शहर की सफाई व्यवस्था अगले दो दिनों में बुरी तरह से चरमरा जाएगी. बैंकों में अवकाश के चलते उसकी राशि मंगलवार तक ही खातों में आने की संभावना है. नाराज कर्मचारियों ने जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा के घर के बाहर डेरा डाल दिया और जोरदार नारेबाजी की.
महापौर ने कहा कि नगर निगम की तरफ से भुगतान ट्रेजरी तक जा चुका है. बैंक खातों में ट्रांसफर होना बाकी है. इसमें देरी हुई है और अधिकारियों की लापरवाही है. उन्होंने कहा कि मैं कलेक्टर के संपर्क में हूं और कोशिश कर रहे हैं पैसा खातों में ट्रांसफर हो जाए.
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें राशि नहीं मिली तो वे अगले 3 दिनों तक हड़ताल पर ही रहेंगे. महापौर घनश्याम ओझा का कहना था कि प्रदेश में जबसे सरकार बदली है. उसके बाद से कर्मचारी और अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं. महापौर का अधिकार शिकायत करने का है.
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इस संबंध में वे मुख्यमंत्री को भी अवगत करा रहे है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जब हमारे निगम में धनराशि उपलब्ध थी लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों ने सरकार की घोषणा के तुरंत बाद प्रक्रिया शुरू नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद से कर्मचारी और अधिकारी काम नहीं कर रहे है.
जिसका खामियाजा आज नगर निगम के कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय बीते 4 सालों में कभी भी भुगतान में देरी नहीं हुई. लेकिन सरकार बदलने के बाद निगम में कर्मचारियों ने काम से दूरी बना ली.