जोधपुर. अब तक अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों की जांच के लिए बेड पर एक्स-रे और सोनोग्राफी की सुविधा मिलती आई है, लेकिन अब जोधपुर एम्स में मरीज की बेड साइट पर सीटी स्कैन की भी सुविधा मिले सकेगी. मंगलवार को एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक आचार्य डॉ. माधबानंद की ओर से संस्थान में इसका उद्घाटन किया गया. यह राजस्थान राज्य का पहला मोबाइल सीटी स्कैन है, जो किसी सरकारी अस्पताल में स्थापित की गई है.
पूरे शरीर का सीटी स्कैन : न्यूरोसर्जरी विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष ने डॉ. दीपक कुमार झा ने बताया कि मोबाइल सीटी स्कैन का 'ओम्निटॉम' मॉडल वयस्कों में सिर की प्लेन और कंट्रास्ट सीटी स्कैन करने में सक्षम है. इसके साथ ही 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पूरे शरीर का सीटी स्कैन किया जा सकेगा. इसका सर्वाधिक उपयोग आईसीयू (न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलॉजी दोनों) और न्यूरोसर्जरी के गंभीर मरीजों के उपचार में होगा.
पढ़ें. राजस्थान का पहला पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट, 12 साल की मासूम की बची जिंदगी
मरीजों को नहीं ले जाना पड़ेगा अस्पताल : सीटी स्कैन खास तौर से दुर्घटना में घायल मरीज, लकवा या अन्य बीमारियों के गंभीर मरीजों के ज्यादा उपयोग में आती है. घायल मरीज के सिर का सीटी स्कैन के लिए उसे केंद्र ले जाना पड़ता था, लेकिन अब ट्रॉमा सेंटर में ही मोबाइल सीटी से स्कैन हो सकेगा. इससे उपचार में तेजी तो आएगी ही, साथ ही मरीज के आपातकालीन समय में प्रोसीजर करने का जल्द निर्णय हो सकेगा. इसी तरह से आईसीयू में वेंटीलेटर पर चलने वाले मरीजों को फायदा होगा. गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के दौरान परेशानी से बचा जा सकेगा.
सीटी एंजियो भी हो सकेगा : यह मोबाइल सीटी स्कैन मशीन उन्नत तकनीकी है, जिससे सीटी एंजियो भी हो सकेगी. इससे मरीज की मस्तिष्क की नसों की स्थिति का आंकलन हो सकता है. इसके अलावा हृदय रोगी के हार्ट की एंजियोग्राफी भी हो सकती है. इससे भी नसों के ब्लॉकेज का पता लगाया जा सकता है, जबकि वर्तमान में इस तरह के स्कैन के लिए सेंटर पर ही जाना पड़ता है. उद्घाटन के मौके पर डॉ. एमके गर्ग (चिकित्सा अधीक्षक), डॉ. कुलदीप सिंह (डीन एकेडमिक्स), डॉ. एसएन भास्कर, डॉ. सम्हिता पंडा, डॉ. पुष्पिंदर सिंह खेड़ा और संकाय एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे.