बालेसर (जोधपुर). जिले के बालेसर कस्बे के बाड़ी का थान चामुण्डा माता मंदिर के महंत श्री श्री 1008 गोकुल गिरी जी महाराज के ब्रहमलीन होने से शेरगढ़ और बालेसर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. उनके देवलोक गमन की खबर सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से जल्द ही पूरे क्षेत्र में पहुंचने पर बालेसर, शेरगढ, सेखाला, चामु सहित आस-पास के सभी गांवों तक पहुंची, जिसके बाद हजारों की संख्या में श्रदालु बाड़ी का थान मंदिर पहुंचे.
वहीं, परेऊ मठ के मठाधीक्ष ओमकार भारती, शेरगठ मठ के शिवगिरी जी, बलवीरगिरी महाराज, राताभाखर महंत मूलगिरी जी महाराज, संतदास जी महाराज और खेतगिरी सहित आसपास के सभी मंदिरों के पूजारी एवं मठाधीक्ष बाड़ी का थान मंदिर पहुंचे, जहां पर संत परम्पराओं के अनुसार बैकुंठ यात्रा की आवश्यक रस्में पूरी की गईं. इसके बाद खुली गाड़ी में बाड़ी का थान मंदिर से रवाना होकर राता भाखर पहाड़ी पर स्थित गुरू जलंधरनाथ मंदिर पहुंचे, जहां पर पूर्ण विधि-विधान के साथ उनको समाधी दी गई.
5 किलोमीटर लंबी बैकुंठ यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
कस्बे के बाड़ी का थान चामुण्डा माता मंदिर से पिकअप गाड़ी के ऊपर फूल-मालाओं से लकड़ी की बैकुंठी सजाकर सैकड़ों वाहन चले. साथ ही हजारों की संख्या में लोग पैदल, ट्रैक्टरों में बैठे हुए और भगवान के भजन गाते हुए बाड़ी का थान मंदिर से राताभाखर पहाड़ी पर पहुंचे. बाड़ी का थान मंदिर से राताभाखर पहाड़ी तक जनसैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान बैकुंठ यात्रा देखने के लिए कस्बे के छपरा से लेकर बस स्टेशन और पुलिस घुमटी तक सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या महिलाएं और पुरूष महंत गोकुलगिरी महाराज के अंतिम दर्शन करने पहुंचे. नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हुऐ बैकुंठ यात्रा पर फूल और गुलाल का छिड़काव किया गया. वहीं, क्षेत्र में शोक की लहर चलते बाजार बंद रहे.