जोधपुर. जिले की शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने शुक्रवार को पकड़े गए दो करोड़ के नकली नोट मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि नकली नोट एक जमीन के भुगतान के लिए तैयार किए गए थे, लेकिन जिसे यह राशि दी गई, उसे पता चल गया था कि नोट नकली हैं. ऐसे में उसने इन रुपयों को लेने से इनकार कर दिया. साथ ही उसने उक्त मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मामले में अभी तक कुल चार लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. साथ ही आगे मामला दर्ज कर सभी को गिरफ्तार किया जाएगा.
जानें पूरा मामला : डीसीपी गौरव यादव ने बताया- ''ब्यावर क्षेत्र निवासी संजय शाह जो कि अभी अरिहंता अदिता में रहता है, उसने एक जमीन खरीदी थी, जिसका भुगतान नहीं कर पा रहा था. ऐसे में भुगतान करने के लिए उसने चार लाख रुपए में दो करोड़ की नकली नोट बनवाए थे. वहीं, उसने इस राशि को बालचंद शर्मा को भेजा, लेकिन शर्मा को पता चल गया था कि नोट नकली हैं. ऐसे में उसने यह राशि हनवंत सिंह को लौटा दी और इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी हनवंत सिंह को शुक्रवार शाम को पकड़ लिया, जिससे पूछताछ में पता चला कि उसे यह राशि संजय शाह नाम के एक शख्स ने दी है. इसके बाद संजय शाह को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि उसने चार लाख रुपए में यह राशि बनवाई थी.
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जेल में हुई थी दोस्ती : पुलिस ने बताया कि संजय शाह कर्जदार है. एक मामले में वो पाली जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात महेंद्र ओड़ व अन्य से हुई, जिनसे उसकी दोस्ती हो गई थी. हाल ही में संजय ने अपनी परेशानी से उन्हें अवगत कराया. उसके बाद उन्होंने उसे नकली नोट देने का आइडिया दिया. वहीं, आरोपी महेंद्र ओड़, हीरा देवासी और अर्जुन सिसोदिया ने बासनी क्षेत्र स्थित एक मकान में प्रिंटर और कंप्यूटर लगाकर दो करेाड़ रुपए तैयार किए. पुलिस ने इस मामले में महेंद्र ओड़ और हीरा देवासी को भी पकड़ लिया है, जबकि अर्जुन सिसोदिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश की जा रही है.