जोधपुर। जिले व शहर में बदमाशों का आंतक बढ़ता जा रहा है. बीते दिनों में हुई घटनाओं ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है. यूं तो बदमाशों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. इस लिस्ट अलावा जोधपुर ग्रामीण व शहर पुलिस के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी लॉरेंस विश्नोई उसका भाई अनमोल बिश्नोई और कैलाश मांजू बने हुए हैं. बड़ी संख्या में इन हार्डकोर अपराधियों के गुर्गे चारों तरफ मौजूद है. इनसे पार पाने के लिए अब पुलिस संयुक्त रूप से रणनीति पर काम करने लगी है. जिससे इन हार्डकोर बदमाशों के नेटवर्क खत्म किए जा सके.
सोशल मीडिया फॉलोअर्स पर कार्रवाईः सोशल मीडिया पर भी इनका रसूख झलकता है. इसीलिए सोशल मीडिया पर इनको फॉलो करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. जोधपुर जिले में बदमाशों के हथियारों के साथ फोटो फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का चलन बना हुआ है. इससे भ्रमित होकर कई युवा अपराध की राह पकड़ रहे हैं. इनको रोकने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन सनराइज के तहत शहर व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बदमाशों को फेसबुक, इंस्टाग्राम पर फॉलो करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. कमिश्नरेट क्षेत्र में अब तक 500 से ज्यादा फॉलोअर्स तक पुलिस ने पहुंचकर कार्रवाई की है. ग्रामीण व शहर पुलिस की विशेष टीमों में समन्वय बना रहे इसको लेकर कुछ बिंदु भी तय किए गए हैं. जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान समय होने से अपराधियों पर पैनी नजर व प्रभावी कार्रवाई हो सके. इसको लेकर हाल में शहर पुलिस के जिला पश्चिम व जिला पूर्व और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से विशेष टीमों की बैठक लेकर उन्हें निर्देशित भी किया है. कैलाश मांजू अभी फरार है. जनवरी में वह गोवा में था. जबकि लॉरेंस बिश्नोई अभी जयपुर पुलिस की हिरासत में है.
NIA भी इन अपराधियों के खिलाफ हुई सक्रियः दिल्ली से NIA भी इन बदमाशों पर कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गई है. हाल ही में कैलाश मांजू के ठिकानों पर NIA की टीमों ने तलाशी भी ली. जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई है. इसकी एक वजह यह भी है कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला भी है. हाल ही के दिनों में आपराधिक घटनाओं से लोग भी परेशान है. सभी हार्डकोर ग्रामीण क्षेत्र से आते है. ऐसे में पूर्व में जोधपुर में डीसीपी रहे धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव को जोधपुर ग्रामीण एसपी लगाया है. यादव तेज तर्रार अधिकारी रहे है. जोधपुर में तीन बदमाशों को गोली मारकर पकड़ा था. धौलपुर में भी कार्रवाई और एनकाउंटर किए हैं. अब जोधपुर जिले में वे अपराधियों को नियंत्रित के लिए सक्रिय हो गए है.
दोनों के बीच चल रही है दुश्मनीः लॉरेंस विश्नोई ने 2017 में जब जोधपुर को निशाना बनाने की शुरुआत की थी उसके बाद से उसकी दुश्मनी कैलाश मांजू से हो गई. लॉरेंस ने जैन ट्रेवल्स के मनीष जैन से रंगदारी वसलूने के लिए फायरिंंग करवाई थी. इसपर कैलाश मांजू ने मनीष से कहा था कि किसी को एक रुपए देने की जरूरत नहीं है. इससे दोनों में दुश्मनी की शुरुआत हो गई. जेल में कैलाश मांजू पर हमले की लॉरेंस की योजना सफल नहीं हुई. लॉरेंस का भाई अनमोल जोधपुर जेल में था तो उस समय वहां बंद कैलाश मांजू के भतीजे राकेश मांजू पर जेल में हमला भी करवाया. राकेश ही कैलाश का काम देखता हैं. इसलिए वह कैलाश के दुश्मनों के निशाने पर है.
गणेश मांजू के भरोसे लॉरेंसः लॉरेंस की कैलाश मांजू से दुश्मनी के बाद उसने कैलाश के एक रिश्तेदार गणेश मांजू को अपनी गैंग का हिस्सा बना लिया. जोधपुर में गैंग अब अनमोल बिश्नोई चला रहा है, जो खुद कहीं विदेश में हैं. अनमोल के इशारे पर गणेश मांजू जोधपुर जिले में हथियार व मादक पदार्थों की तस्करी से जुडे़ काम कर रहा हैं. गणेश के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं. वह अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है. इसके अलावा जिले में सक्रिय 007 गैंग, उम्मेद सिंह व जोधपुर शहर का बदमाश पवन सिंह सोलंकी भी उनसे जुड़ा हुआ है.
संपंतियों की भी बन रही सूचीः ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धमेंद्र सिंह यादव का कहना है कि जिले के शातिर हिस्ट्रीशीटर बदमाशों को चिहिृनत किया गया है. जितनी सक्रिय गैंग है उनको भी लिस्टेट किया गया है. कई बदमाशों पर इनाम भी घोषित किए गए हैं. शहर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं. कार्रवाई के लिए बदमाशों द्वारा आपराधिक कार्यों से कमाई गई संपतियों की भी सूची बना रहे हैं. शहर व ग्रामीण पुलिस के संयुक्त समन्वय से सूचनाओं का आदान प्रदान होने से कार्रवाई में तेजी आएगी. पुलिस ने 17 बदमाशों की सूची भी जारी की है.
इसलिए पुलिस हो रही एकः जोधपुर जिले के फलोदी, लोहावट क्षेत्र में सर्वाधिक बदमाश सक्रिय है. इस इलाके में ही वे आवाजाही करते रहते हैं. यहां से सीधे बीकानेर के रास्ते पंजाब तक संपर्क बना हुआ है. इसके अलावा जैसलमेर के रास्ते भी तस्करी कर रहे हैं. ग्रामीण पुलिस के चाखू, मतोडा, लोहावट थाना क्षेत्रों में सक्रिय बदमाशों ने शहर में भी अपने ठिकाने बना रखें हैं. जहां उनके गुर्गे भी रहते हैं. ऐसे में शहर व ग्रामीण पुलिस की विशेष टीमें एक साथ सुचनाओं पर एक्शन लेगी तो बदमाशों का बचना मुश्किल होगा. खास तौर से हथियार और अफीम की तस्करी से बदमाश मोटा पैसा कमा रहे हैं. इसलिए पुलिस को एक होकर इन पर वार करने की कवायद करनी पड़ रही है.