जोधपुर. प्रशासन के साथ वार्ता के बाद रविवार रात को महात्मा गांधी अस्पताल के बाहर (Jodhpur Cylinder Blast) धरना समाप्त हुआ और मोर्चरी में रखे दस शवों की पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई. इसके बाद सुबह परिजन शव लेकर भूंगरा व आस पास के गांवों में पहुंचे. भूंगरा के शमशान में पूर्व में हुए अंतिम संस्कार की चिताओं के बीच ही कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. हादसे में अब तक 35 की मौत हो चुकी है.
मृतकों के परिजनों के लिए विशेष पैकेज दिलवाने के लिए मोर्चरी में धरना हुआ था. रविवार रात को सरकार के साथ वार्ता के बाद 17 लाख के पैकेज पर सहमति बनी. इसके बाद धरना समाप्त हुआ. संभागीय आयुक्त केलाशचंद्र मीणा की ओर से जो पैकेज बताया गया उसके अनुरूप प्रत्येक मृतक को 17 लाख मिलने पर संशय बन गया है. संभागीय आयुक्त ने बताया कि चिरंजीवी योजना के तहत प्रत्येक परिवार को पांच लाख मिलेंगे, प्रति व्यक्ति नहीं. अब तक इस हादसे में 25 परिवार के 35 लोगों की मौत हुई है.
पढ़ें. जोधपुर गैस सिंलेडर ब्लास्ट: गजेन्द्र शेखावत पीड़ित परिवारों को देंगे 51लाख, लोग नाराज
ऐसे बना है पैकेज : 17 लाख के पैकेज में 2 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता (Compensation to Family in Jodhpur Cylinder Blast) कोष, 2 लाख रुपए प्रधानमंत्री सहायता कोष, 2 लाख रुपए गैस एजेंसी एसोसिएशन की तरफ से और 6 लाख रुपए गैस कंपनी इंश्योरेंस से मिलना है. इसके अलावा चिरंजीवी योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए मिलने हैं.
इस तरह बना संशय : चिरंजीवी योजना के तहत पंजीकरण जनाधार से परिवार को इकाई मान कर किया जाता है. बीमा भी परिवार में व्यक्तियों की संख्या के हिसाब से नहीं होती है. ऐसी स्थिति में प्रभावित परिवार में एक की मृत्यु हुई हो या एक से ज्यादा, परिवार को इकाई मानकर ही मुआवजा दिया जा रहा है. अब तक प्रशासन 20 ज्यादा परिवारों को मुआवजा दे चुका है. दो से तीन ऐसे परिवार हैं जिनके घर से तीन से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. लेकिन उन्हें इस योजना के तहत सिर्फ पांच लाख रुपए ही मिलेंगे.