जोधपुर. नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में पॉक्सो कोर्ट जोधपुर महानगर ने आरोपी को 20 वर्ष की कठोर सजा के आदेश दिए है. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. सूर्य प्रकाश पारीक ने आरोपी सुरेश पुत्र ओमाराम जाति भील निवासी लुणावास चारणान जोधपुर के दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कठोर कारावास और 20 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया.
विशिष्ठ लोक अभियोजक शिव प्रकाश भाटी ने बताया कि पुलिस थाना झंवर में पीडिता के पिता की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया कि उसकी 11 वर्ष की पुत्री घर से खेत जाने को कहकर निकली थी मगर खेत में नहीं पहुंची. आस पास पता किया तो उसकी पुत्री का कही पता नहीं चला. पुत्री के मिलने पर उसकी पुत्री ने उसे बताया कि सुरेश भील, जितेन्द्र मेघवाल व सुखाराम निवासी लुणावास चारणान जोधपुर तीनों उसे मोटर साईकिल पर जबरदस्ती बैठाकर लेकर गए और किसी एक कमरे में उसके साथ गलत काम किया.
उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना झंवर ने मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. अनुसंधान में आरोपी सुरेश, जितेन्द्र व सुखाराम के खिलाफ पॉक्सो के तहत चालान पेश किया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से शिवप्रकाश भाटी ने गवाह व दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए. बहस कर बताया कि पीड़िता नाबालिग बालिका है जिसके साथ आरोपियों ने दुष्कर्म का गंभीर अपराध किया है. जिन्हें कठोर से कठोर दंड से दंडित किया जाए.
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कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी जितेन्द्र मेघवाल और सुखाराम को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया. कोर्ट ने आरोपी सुरेश भील पुत्र ओमाराम को पॉक्सो के तहत दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा के आदेश दिए. साथ ही 20 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है.