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जोधपुर के लिंगानुपात में 10 अंकों की वृद्धि, 7 अगस्त को जिला कलेक्टर होंगे सम्मानित

एक समय ऐसा था की पश्चिमी राजस्थान में बेटी के जन्म होने पर घरों में मातम मनाया जाता था. लेकिन अब यह दौर बदल गया है. जोधपुर में सामूहिक प्रयासों से लिंगानुपात में 10 अंको में बढ़ोतरी ने साफ संदेश दिया है की बेटियां लोगों को जान से प्यारी हैं.

जोधपुर के लिंगानुपात में 10 अंकों की वृद्धि
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Published : Jul 24, 2019, 6:33 PM IST

जोधपुर. साल 2014-15 से 2018-19 के बीच बेटियों के शिक्षा स्तर और लिंगानुपात में बेहतर सुधार को लेकर जारी रिपोर्ट में यह सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान पूरे देश में इस मामले में टॉप पर है तो राजस्थान में जोधपुर साल 2011 में जोधपुर का लिंगानुपात 950 था. जो अब बढ़कर 960 हो गया है. जबकि राजस्थान का लिंगानुपात 944 से बढ़कर 948 हो गया है.

जोधपुर के लिंगानुपात में 10 अंकों की वृद्धि

जोधपुर में यह कामयाबी खासतौर से महिला एवं बाल विकास परियोजना स्वास्थ्य विभाग और जन जागृति से जुड़ी संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से प्राप्त हुई है. महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक दलवीर सिंह बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने समन्वित प्रयास किए. गर्भवती महिलाओं का सम्मान किया बेटियों की जन्म होने पर अस्पतालों में उनका सम्मान किया गया.

गर्भवती महिलाओं को समय पर टिका लगे. साथ ही उपचार से जुड़ी रहे, इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की गई. सबसे बड़ी बात बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया गया. इसकी वजह से लिंगानुपात में इतना बड़ा सुधार हुआ है. केंद्र सरकार इस उपलब्धि के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर को सात अगस्त को दिल्ली में सम्मानित भी करेगी.

जोधपुर. साल 2014-15 से 2018-19 के बीच बेटियों के शिक्षा स्तर और लिंगानुपात में बेहतर सुधार को लेकर जारी रिपोर्ट में यह सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान पूरे देश में इस मामले में टॉप पर है तो राजस्थान में जोधपुर साल 2011 में जोधपुर का लिंगानुपात 950 था. जो अब बढ़कर 960 हो गया है. जबकि राजस्थान का लिंगानुपात 944 से बढ़कर 948 हो गया है.

जोधपुर के लिंगानुपात में 10 अंकों की वृद्धि

जोधपुर में यह कामयाबी खासतौर से महिला एवं बाल विकास परियोजना स्वास्थ्य विभाग और जन जागृति से जुड़ी संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से प्राप्त हुई है. महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक दलवीर सिंह बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने समन्वित प्रयास किए. गर्भवती महिलाओं का सम्मान किया बेटियों की जन्म होने पर अस्पतालों में उनका सम्मान किया गया.

गर्भवती महिलाओं को समय पर टिका लगे. साथ ही उपचार से जुड़ी रहे, इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की गई. सबसे बड़ी बात बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया गया. इसकी वजह से लिंगानुपात में इतना बड़ा सुधार हुआ है. केंद्र सरकार इस उपलब्धि के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर को सात अगस्त को दिल्ली में सम्मानित भी करेगी.

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Body:जोधपुर। एक समय ऐसा था कि पश्चिमी राजस्थान में बेटी के जन्म होने पर घरों में मातम मनाया जाता था, लेकिन अब यह दौर बदल गया है, जोधपुर जिले में सामूहिक प्रयासों से लिंगानुपात में 10 अंको में बढ़ोतरी ने साफ संदेश दिया है कि बेटियां हमे जान से प्यारी है। वर्ष 2014- 15 से 2018- 19 के बीच बेटियों के शिक्षा स्तर व लिंगानुपात में बेहतर सुधार को लेकर जारी रिपोर्ट में यह सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान पूरे देश में इस मामले में टॉप पर है तो राजस्थान में जोधपुर वर्ष 2011 में जोधपुर का लिंगानुपात 950 था जो अब बढ़कर 960 हो गया है जबकि राजस्थान का लिंगानुपात 944 से बढ़कर 948 हो गया है। जोधपुर में यह कामयाबी खासतौर से महिला एवं बाल विकास परियोजना स्वास्थ्य विभाग व जनजागृती से जुड़ी संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से प्राप्त हुई है महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक दलवीर सिंह बताते हैं कि इसके लिए हमने समन्वित प्रयास किए गर्भवती ओं का सम्मान किया बेटियों की जन्म होने पर अस्पतालों में उनका सम्मान किया गया गर्भवती को समय पर टिका लगे उपचार से जुड़ी रहे इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की गई सबसे बड़ी बात बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया गया जिसकी वजह से लिंगानुपात में इतना बड़ा सुधार हुआ है केंद्र सरकार इस उपलब्धि के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर को 7 अगस्त को दिल्ली में सम्मानित भी करेगी।
बाईट : दलबीर सिंह , उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग।




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